
Pakistan के लोगों की नींद हुई हराम, 6 जून को कयामत आने का सता रहा डर
करांची में 48 घंटे में 21 भूकंप के झटके, इंडियन-अरेबियन प्लेट का बिगड़ा संतुलन!
करांची। पाकिस्तान का करांची शहर इन दिनों एक अलग किस्म के खौफ में है। लोगों की रातों की नींद उड़ी हुई है और नींद लग भी जाती है तो चौक कर उठ जाते हैं। पाकिस्तान में चर्चा है कि आने वाले जुमे के दिन कयामत आ सकती है। दरअसल करांची के रहने वाले किसी अटैक का डर नहीं है। उन्हें जलजले यानी भूकंप की चिंता सता रही है जो करांची में बारिश की तरह कभी भी आ जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट में पाकिस्तान के मौसम विभाग के मुताबिक पिछले 48 घंटों में हल्के-हल्के भूकंप के 21 झटके आ चुके हैं और ये सिलसिला जारी ही। खास बात यह है कि कुछ विशेषज्ञों ने कहा है कि भूकंप का ये सिलसिला जुमे यानी 6 जून को बड़े झटके में बदल सकता है। इसे लेकर करांची के लोग खौफजदा हैं। करंची विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग के प्रोफेसर ने कहा कि इस वक्त इंडियन, यूरेशियन और अरबियन प्लेटों के बीच असंतुलन आ गया है और यही करांची में भूकंप का कारण बन सकता है। रविवार रात से करांची और उसके आसपास आए भूकंपों की तीव्रता कम थी और रिक्टर स्केल पर इन्हें 2.1 से 3.6 के बीच मापा गया।
सबसे शक्तिशाली भूकंप, जिसकी तीव्रता 3.6 थी, रविवार रात को दर्ज किया गया, जिसके कारण शहर में मलीर जेल की एक दीवार ढह गई और करीब 216 कैदी जेल से भाग गए। पाकिस्तान मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने अपील की है कि वे दहशत न फैलाएं क्योंकि अधिकारियों ने कहा है कि भूकंप के झटके धीरे धीरे शांत हो जाएंगे। पीएमडी के महानिदेशक ने कहा कि अगले दो से तीन दिनों तक हल्की तीव्रता के भूकंप के झटके जारी रहेंगे और भूकंप की तीव्रता कम होने के साथ ही स्थिति में सुधार हो जाएगा। शहर में लगातार भूकंप के झटके के कारण सोशल मीडिया पर संभावित बड़े भूकंप के बारे में पोस्ट की बाढ़ आ गई। इस बहस ने तब गंभीर मोड़ ले लिया जब एक निजी पाकिस्तानी भूविज्ञानी ने कहा कि उसने करांची में आए भूकंप की भविष्यवाणी उनके आने से पहले ही कर दी थी और शुक्रवार और शनिवार की रात को एक बड़ा भूकंप आने वाला है।
करांची के मुख्य मौसम विज्ञानी ने बताया कि करांची में ऐतिहासिक फॉल्ट लाइन सक्रिय हो गई है और इसी वजह से शहर में लगातार भूकंप आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि फॉल्ट अपनी भूकंपीय ऊर्जा जारी कर रहा है और उन्होंने कहा कि एक सप्ताह में छोटे-छोटे झटके खत्म हो जाएंगे। लोगों के लिए चिंता की कोई बात नहीं है। करांची विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग ने कहा कि भारतीय, यूरेशियन और अरबियन प्लेटों के बीच असंतुलन शहर में भूकंप का कारण हो सकता है।
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