
Noor Khan Airbase पर अमेरिका का है कंट्रोल? बिना इजाजत पाक अफसर भी नहीं जा सकते
पाकिस्तानी पत्रकार और डिफेंस विशेषज्ञ ने किया दावा, लोग उठा रहे सवाल
रावलपिंडी। क्या पाकिस्तान का नूर खान एयरबेस अमेरिका की कस्टडी में है? क्या अमेरिका एयरबेस की मदद से इस रीजन में अपनी पकड़ को फिर से मजबूत कर रहा है? यह दावा पाकिस्तानी पत्रकार और डिफेंस विशेषज्ञ ने किया है कि रावलपिंडी में स्थित नूर खान एयरबेस पर अमेरिका का नियंत्रण है और पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों को भी इस बेस पर जाने की इजाजत नहीं है। यह दावा इस वक्त सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। एक इंटरव्यू के दौरान पाक विशेषज्ञ ने कहा कि नूर खान एयरबेस पाकिस्तान वायुसेना का एक अहम केंद्र है, लेकिन अब ये अमेरिकी सेना के अधीन है इस बेस पर बार-बार अमेरिकी विमानों को देखा गया, लेकिन उनके कार्गो की जानकारी पारदर्शी नहीं है। यह बेस बेनजीर भुट्टो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और पीएएफ कॉलेज चकलाला का हिस्सा है। नूर खान एयरबेस रावलपिंडी में पाकिस्तान के सैन्य मुख्यालय के पास स्थित है और इसे पाकिस्तान की हवाई गतिविधियों का केंद्र माना जाता है।
विशेषज्ञ ने अपने बयान में संकेत दिया कि अमेरिकी सेना की मौजूदगी के कारण पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों को इस बेस के संचालन में कोई भूमिका नहीं दी जा रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि बेस पर होने वाली गतिविधियों की जानकारी को गुप्त रखा जा रहा है, जिससे संदेह और बढ़ता है। एक्स पर कई यूजर्स ने इस दावे को साझा करते हुए सवाल उठाया कि क्या पाकिस्तान का कोई हिस्सा अब पूरी तरह उसके खुद के नियंत्रण में है, क्योंकि सीपीईसी मार्गों और बंदरगाहों पर चीन का प्रभाव पहले से ही चर्चा में है। यह दावा ऐसे समय में आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के तनावों ने क्षेत्रीय सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं। हालांकि विशेषज्ञ के दावों की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। न ही अमेरिका या पाकिस्तान सरकार ने इस पर कोई प्रतिक्रिया दी है। अगर यह सच है तो खुलासा पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय भू-राजनीति पर गंभीर सवाल उठाता है। साथ ही पाकिस्तान की सैन्य स्वायत्तता पर एक बड़ा सवालिया निशान है।
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