Australian Parliament में फिर बुर्का विवाद: पॉलीन हैनसन ने काले बुर्के में घुसकर मचाया हंगामा
सिडनी। ऑस्ट्रेलिया की कट्टर दक्षिणपंथी सीनेटर और वन नेशन पार्टी की नेता पॉलीन हैनसन ने सोमवार को संसद के ऊपरी सदन में उस समय तूफान खड़ा कर दिया जब वह पूरा चेहरा ढकने वाला काला बुर्का पहनकर सीनेट चैंबर में दाखिल हुईं। उनका मकसद सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का-निकाब जैसे चेहरा ढकने वाले परिधानों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाले अपने बिल को जबरन चर्चा में लाना था, जिसे सीनेट अध्यक्ष ने पहले ही खारिज कर दिया था। बुर्का पहने हैनसन के अंदर आते ही सदन में हड़कंप मच गया। कई सांसदों ने उन्हें तुरंत बुर्का उतारने को कहा। जब उन्होंने इनकार किया तो सीनेट की कार्यवाही रोक दी गई। मुस्लिम मूल की ग्रीन्स पार्टी सीनेटर मेहरीन फारूकी ने इसे “खुल्लम-खुल्ला नस्लवाद” करार दिया। अफगान मूल की निर्दलीय सीनेटर फातिमा पायमन ने इस कृत्य को “शर्मनाक और अपमानजनक” बताया। सरकार की सीनेट लीडर पेनी वोंग ने कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि यह हरकत “ऑस्ट्रेलियाई सीनेटर के पद की गरिमा के सर्वथा विपरीत है।” विपक्ष की डिप्टी लीडर ऐनी रस्टन ने भी हैनसन की निंदा की। वोंग ने हैनसन को सत्र से निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, लेकिन हैनसन के हटने से इनकार करने पर पूरा सत्र कुछ देर के लिए स्थगित करना पड़ा।यह पहली बार नहीं जब हैनसन ने ऐसा किया हो।
2017 में भी उन्होंने ठीक यही स्टंट करके सुर्खियां बटोरी थीं। 1990 के दशक से एंटी-इमिग्रेशन और इस्लाम-विरोधी बयानों के लिए चर्चित हैनसन की वन नेशन पार्टी मई 2025 के आम चुनाव में दक्षिणपंथी लहर पर सवार होकर चार सीनेट सीटें जीत चुकी है। घटना के बाद फेसबुक पर हैनसन ने लिखा, “अगर सीनेट को मुझसे बुर्का पहनना मंजूर नहीं, तो पूरे देश में बुर्के पर बैन लगा दे। मैंने यही संदेश देने के लिए ऐसा किया।” इस घटना ने एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया में धार्मिक स्वतंत्रता, सुरक्षा और नस्लवाद के बीच पुराना विवाद ज्वलंत कर दिया है। विपक्षी दलों ने इसे “संसदीय मर्यादाओं का अपमान” बताया है, जबकि हैनसन के समर्थक इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जरूरी साहस” बता रहे हैं।
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