करीब 7 हजार करोड़ की शराब गटक गए दिल्लीवासी, आबकारी नीति बदलने से ठेकेदारों की हुई बल्ले-बल्ले
नई दिल्ली। नई शराब नीति से पुरानी आबकारी नीति में लौटने के बावजूद दिल्ली सरकार के आबकारी विभाग ने अधिक राजस्व एकत्र किया है। आबकारी विभाग इसे बेहतर नीति मान रहा है। वित्त वर्ष 2021-22 से 2022-23 में शराब की बिक्री में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। सूत्रों और आबकारी विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में शराब की बिक्री से 6,815.49 करोड़ रुपये राजस्व एकत्र किया गया, जबकि 2021-22 में राजस्व संग्रह 5,487.58 करोड़ रुपये था। लाइसेंस मिलने के बाद भी खुल नहीं पाईं करीब 200 शराब की दुकानें।
आंकड़ों से पता चला कि 2022-23 की पहली तिमाही में राजस्व संग्रह में 258.63 प्रतिशत और बिक्री में 246.72 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2022-23 में अप्रैल-जून के बीच कुल राजस्व 1,727.61 करोड़ रुपये था और शराब की बिक्री 22.71 करोड़ बोतलें थी। 2021-22 में ये संख्या 481.72 करोड़ रुपये और 6.55 करोड़ बोतलें थीं। एक अधिकारी ने कहा कि अप्रैल-मई 2021 में कोविड लाकडॉउन के कारण ज्यादातर दुकानें बंद थीं।
इसलिए 2021-22 की पहली तिमाही में राजस्व और बिक्री में गिरावट आई। 2021-22 में बेची गई बोतलों की कुल संख्या 52.30 करोड़ थी। 2022-23 में यह बढ़कर 71.47 करोड़ हो गया। बता दें कि निर्माण और कार्यान्वयन में भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद दिल्ली आबकारी नीति 2021 को जुलाई 2022 में रद कर दिया गया था और पुरानी आबकारी नीति व्यवस्था को सितंबर 2022 में वापस लाया गया था।
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