क्रैश टेस्ट में फेल, फिर भी खूब बिक रही Hyundai Grand i10
नई दिल्ली। हयूदै ग्रांड आई10 कार क्रैश टेस्ट में फेल होने के बावजूद जमकर बिक रही है। ग्लोबल एनकैप टेस्ट में कार ने एडल्ट सुरक्षा में 0 स्टार और चाइल्ड सुरक्षा में 3 स्टार हासिल किए। यह टेस्ट सफर कार्स फार अफ्रिका अभियान के तहत किया गया था। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस वाहन में गंभीर दुर्घटना की स्थिति में जानलेवा चोटों का जोखिम अधिक है। टेस्ट मॉडल में ड्राइवर और पैसेंजर एयरबैग, सीट बेल्ट रिमाइंडर, प्री-टेंशनर, लोड लिमिटर और इसोफिक्स माउंट्स जैसे फीचर्स मौजूद थे। बावजूद इसके, ग्लोबल एनकैप ने इसे निराशाजनक बताया। संगठन ने साफ किया कि यह रेटिंग केवल दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट पर लागू होती है, लेकिन यह सवाल उठता है कि एक ही प्लेटफॉर्म पर बनी गाड़ियों की सुरक्षा विभिन्न बाजारों में इतनी अलग क्यों होती है। एडल्ट सुरक्षा के आंकड़ों में ग्रांडआई10 ने 34 में से 0 अंक हासिल किए। फ्रंटल ऑफसेट टेस्ट में सिर और गर्दन की सुरक्षा तो संतोषजनक रही, लेकिन ड्राइवर की चेस्ट प्रोटेक्शन ‘पूअर’ पाई गई। पैसेंजर की चेस्ट सुरक्षा ‘एडक्वेट’ रही। साइड इम्पैक्ट टेस्ट में प्रदर्शन और खराब रहा और अधिकांश पैरामीटर ‘पूअर’ रेटिंग पाए।
ड्राइवर के घुटनों की सुरक्षा ‘मार्जीनल’ थी। बॉडी शेल और फुटवेल एरिया भी अस्थिर पाए गए, जो गंभीर दुर्घटना में खतरे का कारण बन सकते हैं। हालांकि, चाइल्ड सेफ्टी में कार का प्रदर्शन बेहतर रहा। 3 साल और 18 महीने के बच्चों की सीटें इसोफिक्स के माध्यम से रियर फेसिंग पोजिशन में लगाई गई थीं। फ्रंटल इम्पैक्ट में बच्चों के सिर को पूरी सुरक्षा मिली। डायनेमिक टेस्ट में कार ने 24/24 अंक हासिल किए।सीआरएस इंस्टॉलेशन रेटिंग 4.57/12 रही, जबकि वाहन मूल्यांकन स्कोर 0/13 रहा। कुल मिलाकर बच्चों की सुरक्षा औसत है, लेकिन वयस्कों के लिए यह कार अत्यंत कमजोर साबित हुई।
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