
Manipur में बाढ़, प्रभावित इलाकों से सैकड़ों लोगों का किया रेस्क्यू
अस्पताल में फंसे मरीजों को निकालने नावों का किया इस्तेमाल
इंफाल। ‘ऑपरेशन जलराहत-2’ के दूसरे दिन भारतीय सेना और असम राइफल्स ने मणिपुर में व्यापक बाढ़ बचाव अभियान जारी रखा है। पिछले दो दिनों में बच्चों और बुजुर्गों समेत 1300 से ज्यादा नागरिकों को बचाया गया। मीडिया रिपोर्ट में रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि शनिवार को 800 लोगों को बचाया गया था और रविवार को इंफाल समेत सबसे ज्यादा प्रभावित इंफाल पूर्व और इम्फाल पश्चिम जिलों से 500 लोगों को बचाकर राहत शिविरों में ले जाया गया। सेना और असम राइफल्स के जवानों ने वांगखेई, हेइंगंग, लामलोंग, खुरई, जेएनआईएमएस और अहलप जैसे गंभीर रूप से जलमग्न क्षेत्रों से लोगों को निकाला। रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि बचाव कार्यों के लिए सेना के इंजीनियरों की बीएयूटी, इन्फ्लेटेबल नावों से लैस 10 बाढ़ राहत कॉलम्स को तैनात किया गया था। उन्होंने कहा कि सैनिकों ने थौबल जिले के लिलोंग में अरपती लामखाई के पास टूटी हुई इरिल नदी की सीमा की दीवार की मरम्मत भी की ताकि आगे बाढ़ को रोका जा सके।
सरकारी स्वामित्व वाले जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान (जेएनआईएमएस) और अस्पताल में फंसे मरीजों को सुरक्षित निकालने के लिए नावों का इस्तेमाल किया गया। राहत क्षेत्रों में विस्थापित परिवारों को करीब 800 बोतल पीने का पानी और अन्य जरुरी आपूर्ति वितरित की गई। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना और असम राइफल्स प्रभावित समुदायों तक पहुंचने और सभी तरह की मदद देने के लिए नागरिक अधिकारियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में काम करना जारी रखे हुए हैं। राज्य आपदा प्रबंधन अधिकारी ने कहा कि इम्फाल और इरिल समेत कई नदियों ने खुरई, हेइंगंग, चेकोन और वांगखेई के कम से कम पांच क्षेत्रों में तटबंधों को तोड़ दिया, जिससे इम्फाल और आसपास के इलाकों के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए। इम्फाल पश्चिम जिले में नम्बुल नदी भी रविवार को उफान पर आ गई, जिससे उरीपोक और सामुसांग में बाढ़ आ गई। नगरम में, पूरे दिन बारिश होने से बाढ़ का पानी रहवासी क्षेत्रों में प्रवेश कर गया।
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