
मुझे गानों पर लिप सिंक करना बहुत पसंद है : Vidya Balan
मुंबई। हाल ही में बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें वह “सीखो ना नैनो की भाषा पिया” गाने पर अभिनय करती नजर आ रही हैं। यह वही गीत है जिसने उन्हें प्रदीप सरकार जैसे निर्देशक के साथ काम करने की प्रेरणा दी थी। अभिनेत्री ने अपनी पहली फिल्म ‘परिणीता’ से जुड़ा एक खूबसूरत किस्सा साझा किया है। उन्होंने बताया कि किस तरह उन्हें इस फिल्म में अभिनय करने का मौका मिला और निर्देशक प्रदीप सरकार के साथ उनका अनुभव कैसा रहा। विद्या ने वीडियो के साथ लिखा, “मुझे गानों पर लिप सिंक करना बहुत पसंद है और यह गाना तो मेरे दिल के बेहद करीब है। जब मैंने इसे पहली बार देखा, तो मैं प्रसून जोशी के खूबसूरत शब्दों और प्रदीप दादा के निर्देशन से गहराई से प्रभावित हुई थी। तभी से मैं उनके साथ काम करने का सपना देखने लगी थी।” अभिनेत्री ने बताया कि उस समय उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि किस्मत उनके लिए क्या रच रही है। उन्होंने आगे लिखा, “मुझे पता भी नहीं था कि ब्रह्मांड ने अपना जादू चलाना शुरू कर दिया है। कुछ साल बाद मुझे प्रदीप दादा के साथ एक विज्ञापन फिल्म करने का मौका मिला। फिर मैंने उनके तीन म्यूजिक वीडियो में काम किया, जिनमें ‘किस्सों की चादर’ एल्बम मेरे लिए सबसे खास रहा। और अंततः, दादा ने मुझे ‘परिणीता’ में लॉन्च किया। यह मेरे करियर की सबसे बड़ी और यादगार शुरुआत थी।”
विद्या ने इस अनुभव को आकर्षण के नियम से जोड़ते हुए कहा, “शायद इसे आकर्षण का नियम कहा जा सकता है या नहीं, यह मैं नहीं जानती। लेकिन इतना जरूर जानती हूं कि मैं इसके लिए बेहद आभारी हूं, जैसे मैं जीवन की और भी कई चीजों के लिए हूं।” उन्होंने यह भी बताया कि प्रदीप सरकार के साथ काम करना उनके लिए सीखने और आत्मविश्वास पाने का एक अद्भुत अनुभव था। ‘परिणीता’ के निर्देशन के पीछे प्रदीप सरकार की गहरी संवेदनशीलता और सौंदर्यबोध था, जिसने फिल्म को दर्शकों के दिलों में एक खास जगह दिलाई। यह फिल्म शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के 1914 के प्रतिष्ठित बंगाली उपन्यास पर आधारित थी। इसमें विद्या बालन ने ललिता का किरदार निभाया था, जबकि सैफ अली खान ने शेखर की भूमिका अदा की थी। दोनों की जोड़ी को दर्शकों और समीक्षकों ने समान रूप से सराहा था। गौरतलब है कि ‘परिणीता’ को हाल ही में रिलीज हुए 20 साल पूरे हुए हैं। इस अवसर पर फिल्म को सिनेमाघरों में फिर से रिलीज किया गया। फिल्म के संगीत, संवाद, और प्रदर्शन आज भी उतने ही प्रभावशाली हैं जितने 2005 में रिलीज के समय थे।
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