वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत को होगा फायदा: Ashwini Vaishnav
नई दिल्ली। केंद्रीय रेल, इलेक्ट्रॉनिक एवं आईटी, संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अगले 6-7 सालों में 750 अरब डॉलर का वैश्विक सेमीकंडक्टर उद्योग का आकार दोगुना हो जाएगा और भारत इसका भरपूर लाभ उठाने की स्थिति में है। उन्होंने कहा कि भारत के पक्ष में अच्छी बात यह है कि यहां कार्यबल की कमी नहीं है और स्वच्छ ऊर्जा तक बेहतर पहुंच के अलावा एक उभरता हुआ रसायन निर्माण तंत्र भी है।मंत्री ने कहा कि एक 1 लाख करोड़ डॉलर के उद्योग में 9 लाख से अधिक प्रतिभाशाली पेशेवर की जरूरत होगी। सेमीकंडक्टर उद्योग के एक-तिहाई से अधिक प्रतिभाशाली लोग भारत में है। किसी नए चिप की कल्पना से लेकर उसे डिजाइन करने के साथ-साथ पूरा वैल्यू चेन भारत में है। उन्होंने कहा कि हमने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ा कदम बढ़ाया है।
हमारे देश के प्रति व्यक्ति आय के स्तर को देखते हुए दुनिया हैरान होती है कि हम 42 फीसदी ऊर्जा उत्पादन क्षमता स्वच्छ ऊर्जा से जुड़ी है। गुजरात में एक बड़ा केमिकल विनिर्माण तंत्र है। दुनिया में कुछ ही देश हैं जिन्हें इस तरह का प्रतिस्पर्द्धात्मक लाभ है। मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत की महत्वकांक्षाओं को वैश्विक उद्योग से समर्थन मिलता है। वैष्णव ने मार्च की शुरुआत में कहा था कि देश का पहला बड़ा चिप फैब्रिकेशन संयंत्र गुजरात के ढोलेरा में टाटा के द्वारा स्थापित किया जा रहा है और दिसंबर 2026 में यहां चिप बनने की शुरुआत हो जाएगी। गुजरात के साणंद और असम के मोरीगांव में दो अन्य संयंत्र सेमीकंडक्टर को असेंबल कर सकते हैं।
Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!