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  • Tuesday, 09 December 2025
Rishi Sunak's wife Akshata Murthy की निवेश कंपनी बंद होने पर विपक्ष ने उठाए सवाल

Rishi Sunak's wife Akshata Murthy की निवेश कंपनी बंद होने पर विपक्ष ने उठाए सवाल

लंदन। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति की ‎निवेश कंपनी बंद होने जा रही है। वहीं निवेश कंपनी के बंद होने को लेकर लेबर पार्टी ने निशाना साधा है। लेबर पार्टी इस साल के आखिर में आम चुनाव की संभावना के मद्देनजर प्रचार अभियान में जुट गई है। उसने इश्तहार देकर पीएम सुनक पर जनता के साथ नाइंसाफी करने का आरोप लगाया है। लेबर पार्टी के चुनाव प्रचार अभियान के संयोजक पैट मैक फाड्डेन ने 4 जनवरी को उप प्रधानमंत्री ओलिवर डाउडेन को लिखे पत्र को सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उस पत्र में मैक फाड्डेन ने मूर्ति के कैटामरन वेंचर्स को समेटने से जुड़ी स्थितियों पर सवाल उठाया है। इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की 43 वर्षीय व्यापारी पुत्री अक्षता मूर्ति ने 2013 में इस उद्यम को शुरू किया था। उनके पति ऋषि सुनक उसके एक निदेशक बने थे। जिन्होंने 2015 में इस पद से इस्तीफा दे दिया। पिछले साल वित्तीय ब्योरे में सामने आया कि मूर्ति ने इस कंपनी को बंद करने का फैसला किया है।

इस मामले में मैक फाड्डेन ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि पिछले कुछ महीनों में कैटामरन वेंचर्स के व्यापारिक सौदों के बारे में कई रिपोर्ट सामने आयीं हैं। जिनमें यह खुलासा हुआ कि पीएम की पत्नी द्वारा संचालित इस कंपनी को स्वयं ऋषि सुनक द्वारा तैयार की गयी कोविड सहयोग योजना के तहत 20 लाख पाउंड मिला। मैक फाड्डेन ने कहा कि फिर यह सामने आया कि जिन कारोबार में श्रीमती मूर्ति ने पैसे लगाये, वह ठप हो गया और करदाताओं को 10 लाख पाउंड की चपत लगी। सहयोगियों और मैंने सरकार के मंत्रियों को कई पत्र लिखे। लंबित सवालों के साथ, अपनी कंपनी को बंद करने श्रीमती मूर्ति के फैसले से कई अन्य सवाल खड़े होते हैं। उन्होंने कहा ‎कि जनहित में स्पष्टकरण दिए जाने की जरूरत है।

इस बात से इनकार करते हुए कि लेबर इस मुद्दे से राजनीतिक लाभ हासिल करने की कोशिश कर रही है। उनकी पार्टी सिर्फ यह सुनिश्चित करना चाहती है कि यहां सब कुछ ठीक से बताया जाए, क्योंकि यह उद्यम अब बंद हो गया है। बता दें ‎कि पिछले साल की शुरुआत में ऋषि सुनक जांच के दायरे में आ गए थे, जब यह बात सामने आई थी कि उनकी अरबपति पत्नी के पास एक चाइल्डकेअर एजेंसी में शेयर थे, जिसे तत्कालीन बजट में घोषित एक नई नीति से लाभ हुआ था।

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