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Pakistan के हालात: गरीबों की आह निकल रही और अमीरों के महल सज रहे

Pakistan के हालात: गरीबों की आह निकल रही और अमीरों के महल सज रहे

इस्लामाबाद। पाकिस्तान कर्ज में डूबा है, महंगाई ने आम पाकिस्तानी के लिए दो वक्त का खाना भी मुश्किल कर दिया है और कई सूबे बाढ़ जैसी आफत से जूझ रहे हैं। दो वक्त का खाना पाकिस्तानी जनता के लिए लग्जरी से कम नहीं, लेकिन इन हालातों के बीच वहां के नेता और अफसर आलीशान जिदगी जीते हुए ऐश और भ्रष्टाचार में डूबे नजर आते हैं। सबसे ताजा उदाहरण पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज का है। दक्षिण पंजाब के छह जिले बाढ़ में डूबे हुए हैं, सैकड़ों परिवार बेघर हो गए, 178 लोगों की जान चली गई। ऐसे में मरियम नवाज राहत कैंपों में नहीं, बल्कि हांगकांग में शॉपिंग करती दिखीं। ये तस्वीर पाकिस्तान की राजनीतिक वंशवाद की असलियत को उजागर करती है। मरियम न तो वास्तविक वोटों से आई हैं और न ही वह उन लोगों के प्रति कोई जवाबदेही दिखाती हैं जिनका वह प्रतिनिधित्व करने का दावा करती हैं। यही कारण है कि ऐसे नेता पाकिस्तानी जनता के दुख-दर्द से बेखबर रहते हैं। जनरल आसिम मुनीर के विदेशी लग्जरी दौरों से लेकर मंत्रियों और अफसरों की हवेलियों और विदेशी संपत्तियों तक पाकिस्तान का हर हुक्मरान इस दौड़ में लगा है कि कौन सबसे ज्यादा ऐश करेगा। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्री, कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर सब महलों जैसे सरकारी बंगलों में रहते हैं। उनके पास लग्जरी गाड़ियों के काफिले और नौकर-चाकर की फौज होती है।

उनके बिजली-पानी-गैस के बिल जनता के टैक्स से चुकाए जाते हैं। वहीं गरीबों की बिजली कुछ हजार का बिल न देने पर काट दी जाती है। गांवों में लोग घंटों लोडशेडिंग झेलते हैं जबकि वीआईपी लोग सालभर एयरकंडीशंड माहौल में रहते हैं। इस्लामाबाद से लेकर लाहौर और कराची तक, पाकिस्तान के नेता और अफसर शाही ठाठ-बाट को अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते हैं। महंगे इंपोर्टेड सूट, लग्जरी घड़ियां, विदेश यात्राएं और करोड़ों की शॉपिंग- ये सब वहां के वीआईपी परिवारों की दिनचर्या है। राजनेताओं और नौकरशाहों के परिवार वीवीआईपी उपचार का आनंद लेते हैं, जिसमें गार्ड, आधिकारिक कारें और मुफ्त उपयोगिताएं शामिल हैं। वहीं आम पाकिस्तानी महंगाई, बेरोजगारी, टूटी शिक्षा व्यवस्था और खराब स्वास्थ्य सेवाओं से जूझ रहा है।बाढ़ पीड़ित बिना सहायता के मर जाते हैं, फिर भी मरियम नवाज विदेश में शॉपिंग करती हैं। नौकरशाह अरबों रुपये विदेश में भेजते हैं, फिर भी गरीबों को बकाया बिलों के लिए परेशान किया जाता है। सेना के अफर विदेश यात्राओं और ब्रांडेड सूट का आनंद लेते हैं, फिर भी साधारण पाकिस्तानी दो वक्त का खाना भी नहीं जुटा पाते। यह शासन नहीं है, यह धोखा है। पाकिस्तान के अमीर देश को अपने निजी एटीएम की तरह मानते हैं जबकि इसके लोग चुपचाप पीड़ित होते हैं। जब तक शीर्ष सत्ता के गलियारों में जवाबदेही नहीं आती, पाकिस्तान एक ऐसा देश बना रहेगा जहां शासक राजा की तरह रहते हैं, और लोग गुलामों की तरह।

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