
Bangladesh में सेना और यूनुस के बीच सियासी टकराव बढ़ा
बिना चुनाव बांग्लादेश की सत्ता में बने रहना चाहते हैं यूनुस
ढाका। बांग्लादेश में सेना और अंतरिम सरकार के बीच तनाव बढ़ने लगा है, जिसका मुख्य कारण सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मान के और नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ. मुहम्मद यूनुस के बीच सत्ता में बने रहने पर उत्तरदायित्व का विवाद है। सेना और यूनुस के बीच टकराव के दौरान सार्वजनिक परिवर्तन भी देखने को मिल रहे हैं। सेना प्रमुख ने स्पष्ट किया कि यूनुस सरकार का कार्यकाल सीमित है और चुनावों के बाद स्थायी सरकार का गठन होना चाहिए। इसके बारे में सेना और यूनुस के बीच दोहराते दिशा-निर्देशों के संघर्ष की आवाज सुनाई दी है। इस तनाव के बीच यूनुस ने अपने समर्थकों का समर्थन किया है और इसे एक नई रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। ढाका के ऐतिहासिक शाहबाग चौक पर हुए जनसभा में भी इस विवाद को लेकर चरम पर तनाव उमड़ गया।
सूत्रों के अनुसार कुछ सैन्य कमांडरों ने यूनुस सरकार के खिलाफ पर्चे बांटे हैं, जिनमें अंतरिम सरकार को लोकतंत्र विरोधी और जनाकांक्षाओं के विरुद्ध बताया गया है। सेना की ओर से यह स्पष्ट संकेत हैं कि वह अब और मूकदर्शक नहीं बनी रहेगी। डॉ. यूनुस की सत्ता पर पकड़ और सेना का स्पष्ट विरोध अब आमने-सामने की स्थिति बना चुका है। यदि दोनों पक्ष पीछे नहीं हटते तो बांग्लादेश जल्द ही एक नए राजनीतिक संकट में फंस सकता है। ऐसे में बड़ा सवाल यह है— क्या बांग्लादेश की जनता फिर से लोकतंत्र की ओर लौट पाएगी, या सत्ता की यह लड़ाई किसी और मोड़ पर ले जाएगी?
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