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  • Monday, 08 December 2025
Copenhagen में जलाई गई कुरान, मुस्लिम देशों का गुस्सा सातवें आसमान पर

Copenhagen में जलाई गई कुरान, मुस्लिम देशों का गुस्सा सातवें आसमान पर

  • कई मुस्लिम देशों ने घटना की निंदा की

कोपेनहेगन। कोपेनहेगेन में फिर इराक के दूतावास के बाहर कुरान को जलाकर उसका अपमान किया गया है। नए घटनाक्रम के बाद से ही दुनिया भर के मुसलमानों में नाराजगी है। यह घटनाक्रम इराक और कोपेनहेगन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और खराब कर सकता है। इराक ने घटना की निंदा कर कहा है कि बगदाद में दूतावास के डेनमार्क के कर्मचारियों को विरोध प्रदर्शन के बाद देश छोड़कर जाना पड़ गया था। जबकि डेनमार्क ने इससे इनकार कर दिया है।


डेनमार्क में इराक के दूतावास के बाहर कुरान जलाने की घटना को अंजाम देने वाले दोनों प्रदर्शनकारी डेनिश पैट्रियट्स ग्रुप से थे। इस ग्रुप की तरफ से ही 23 जुलाई को भी इसी तरह की घटना को अंजाम दिया गया था। इन्‍होंने फेसबुक पर इन घटनाओं को लाइव-स्ट्रीम किया था। दोनों देशों में आगजनी को लेकर कई हजार इराकियों ने शनिवार को बगदाद में प्रदर्शन किया। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि पवित्र कुरान का अपमान करने वाले लोगों को सबसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए। यूरोप के देशों डेनमार्क और स्वीडन में अभिव्यक्ति की आजादी के नियमों के तहत पवित्र कुरान को जलाने की मंजूरी दी गई है। इसके बाद ईरान और इराक में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इराक में प्रदर्शनकारियों ने पिछले हफ्ते बगदाद में स्वीडन के दूतावास को आग लगा दी थी।


मुसलमान, कुरान को ईश्‍वर का वचन मानते हैं और यह उनके लिए बहुत पवित्र है। अगर कोई भी कुरान को जानबूझकर नुकसान पहुंचाता है या फिर इसके प्रति अनादर दिखाता है, तब इस बेहद अपमानजनक समझा जाता है। कोपेनहेगन में नई घटना की वजह से सना में हजारों प्रदर्शनकारियों ने एक रैली निकाली। रैली में शामिल लोगों ने इस तरह के कृत्यों की अनुमति देने के लिए डेनमार्क और स्वीडन दोनों पर गुस्सा व्यक्त किया। तुर्की ने इस घटना को कुरान पर घृणित हमला कहा है। वहीं, अल्जीरिया के विदेश मंत्रालय ने कृत्यों की निंदा करने के लिए डेनिश राजदूत और स्वीडिश के विदेश मामलों के प्रभारी को बुलाया।


एक ट्वीट में, डेनमार्क के विदेश मंत्रालय ने कहा: डेनमार्क आज कुरान को जलाने की निंदा करता है। ये उत्तेजक और शर्मनाक कृत्य डेनिश सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं। सभी से संयम की अपील है। हिंसा का जवाब हिंसा से कभी भी नहीं देना चाहिए।

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