
सड़कें खाली, Railway Stations सूने पड़े पंजाब में बंद का व्यापाक असर
रेलवे ने 221 ट्रेनों को रदद किया
नई दिल्ली। पंजाब में सोमवार को किसानों के बंद का व्यापक असर दिखाई दे रहा है। चंडीगढ़ जैसे शहर में बंद को कोई खास असर नहीं है, लेकिन जालंधर, लुधियाना, पठानकोट, मोहाली, होशियारपुर और बठिंडा जैसे इलाकों में बाजार बंद हैं। हालात ये हैं कि सड़कें खाली हैं और रेलवे स्टेशन सूने पड़े हैं। किसानों ने रेल रोको अभियान भी छेड़ रखा है। इसकारण रेलवे ने पंजाब होकर आने-जाने वाली कुल 221 ट्रेनों को सोमवार को रद्द किया है। इसमें से तमाम ट्रेनों का संचालन जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के लिए भी होता है। वहीं जम्मू तवी से चलकर यूपी, बिहार सहित देश के कई राज्यों में जाने और आने वालीं लंबी दूरी की ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया है। शताब्दी एक्सप्रेस, वंदे भारत जैसी ट्रेनें भी रद्द वाली रेलों में शुमार हैं। पंजाब में सिर्फ आपातकालीन सेवाओं का संचालन हो रहा है। हालांकि शाम 4 बजे के बाद हालात सामान्य होने की बात की जा रही है। यह बंद किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल के समर्थन में बुलाया गया है, जो कई दिनों से अनशन पर हैं और अब उनकी तबीयत भी गंभीर है। किसान नेता डल्लेवाल का कहना है कि मोदी सरकार को एमएसपी कानून लाना चाहिए औऱ जब तक उसके बारे में ऐलान नहीं होता, तब तक वह अनशन करता रहूंगा। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को आदेश दिया है कि वह डल्लेवाल को जबरदस्ती ही सही, लेकिन अस्पताल ले जाकर इलाज कराए। वहीं शंभू बॉर्डर पर डटे किसान दिल्ली आना चाहते थे, जिसकी मंजूरी नहीं मिली थी। इस बीच डल्लेवाल ने भूख हड़ताल ही शुरू कर दी।
मिली जानकारी के अनुसार पंजाब के ज्यादातर नेशनल हाईवेज पर सुबह से ही सन्नाटा पसरा है। वाहन नहीं दिख रहे हैं और लोग आज बड़ी संख्या में नौकरियों पर भी नहीं निकले। दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा आदि से हिमाचल और जम्मू-कश्मीर जाने वाले निजी वाहन ही राजमार्गों पर दिख रहे हैं। किसान संगठनों के प्रतिनिधि सुबह ही निकल गए और दुकानें बंद कराते दिखाई दिए। बंद का असर उन जिलों में अधिक दिख रहा है, जहां ग्रामीण क्षेत्र अधिक है। फिरोजपुर, बठिंडा, होशियारपुर, मोगा, पटियाला जैसे जिलों में बंद का व्यापक असर है। पंजाब सरकार ने एतियात के तौर पर बड़ी संख्या में दफ्तरों और स्कूलों में भी छुट्टियां कर दी गई हैं। इससे समझा जा सकता है कि बंद का कितना असर है और किस तरह लोग उसका समर्थन कर रहे हैं। बता दें कि पंजाब पुलिस के पूर्व अधिकारी जसकरण सिंह के नेतृत्व में एक डेलिगेशन ने डल्लेवाल से रविवार की शाम को मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडल ने डल्लेवाल को अनशन तोड़ने के लिए राजी करने का प्रयास किया था, लेकिन असफल रहे।
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