Tennis player नागल को नहीं मिल पा रहा प्रायोजक
- एटीपी टूर में खेलने के लिए लगा रहे पुरस्कार राशि
नई दिल्ली। भारत के युवा टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे हैं। इसी कारण वह उदास हैं। वह पिछले कुछ साल से जर्मनी की नानसेल टेनिस अकादमी में अभ्यास कर रहे थे पर पैसों की कमी के कारण वह 2023 के सत्र के शुरुआती तीन महीनों में अपने पसंदीदा स्थान पर अभ्यास नहीं कर पाए है। देश के नंबर एक एकल खिलाड़ी होने के बाद भी नागल को कोई प्रयोजक नहीं मिल पाया है। इसी कारण एटीपी टूर में खेलने के लिए उन्हें अपनी सारी पुरस्कार राशि, आईओसीएल से मिलने वाला अपना वेतन और महा टेनिस फाउंडेशन से मिलने वाली सहायता राशि तक खर्च करनी पड़ी है। उनका यह खर्च अभ्यास केंद्र में रुकने तथा अपने कोच या फिजियो के साथ टूर्नामेंट के लिए यात्राओं पर होता है।
नागल ने कहा, ‘अगर मैं अपने बैंक में जमा धनराशि की बात करूं तो मेरे पास इतनी ही राशि है जितनी की वर्ष के शुरुआत में थी हालांकि महा टेनिस फाउंडेशन के प्रशांत सुतार मेरी मदद कर रहे हैं तथा मुझे आईओसीएल से मासिक वेतन भी मिलता है पर मेरे पास कोई बड़ा प्रायोजक नहीं है। नागल ने इस साल 24 टूर्नामेंटों में हिस्सा लिया जिनसे उन्होंने लगभग 65 लाख रुपए की कमाई की। उन्हें सबसे बड़ी पुरस्कार राशि अमेरिकी ओपन से मिली जहां वह क्वालीफायर के पहले दौर में हार गए थे लेकिन इसके बावजूद उन्हें 22000 अमेरिकी डॉलर (करीब 18 लाख रुपए) मिले। उन्होंने कहा, ‘मैं जो भी कमाई कर रहा हूं उसे खर्च कर दे रहा हूं। मेरा वार्षिक खर्च लगभग 80 लाख से लेकर एक करोड़ रुपए तक है और यह भी तब है जबकि मैं केवल एक कोच के साथ यात्रा करता हूं। मैंने जो भी कमाया उसे खर्च भी कर दिया। नागल ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पिछले कुछ वर्षों से भारत का नंबर एक खिलाड़ी होने के बावजूद मुझे पर्याप्त सहयोग नहीं मिल रहा है। मैं ग्रैंड स्लैम के लिए क्वालीफाई करने वाला एकमात्र भारतीय खिलाड़ी हूं तथा मैंने पिछले साल ओलंपिक में एक मैच भी जीता था इसके बावजूद सरकार ने मुझे टॉप्स में शामिल नहीं किया है।
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