भारतीय महिला फुटबॉल में अहम है Ashalata, Bala and Aditi की भूमिका
नई दिल्ली। भारतीय महिला फुटबॉल टीम का प्रदर्शन पिछले कुछ समय में लगाता बेहतर हुआ है। इसमें कुछ खिलाड़ियों आशालता देवी, बाला देवी और अदिति चौहान की अहम भूमिका रही है। आशालता ने कठिन हालातों के बीच फुटबॉल में अपना करियर बनाया है। एक रिपोर्ट के अनुसार उन्हें फुटबॉल खेलने पर परिवार से सजा भी मिलती थी। इस कारण वह फुटबॉल से कुछ समय के लिए दूर भी हो गयीं थी। इस बाद भी आशालता ने खेलना जारी रखा और आज वह सबसे अच्छी डिफेंडरों में से एक हैं।
वहीं अदिति चौहान लीग में खेलने वाली पहली भारतीय फुटबॉलर हैं जबकि बाला देवी युरोपीय पेशेवर फुटबॉल लीग में खेलने वाली पहली भारतीय महिला फुटबॉलर हैं। इसके अलावा मनीषा क्लयाण यूएफा महिला चैंपियन लीग में खेलने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं। भारतीय टीम में चयन की राह आसान नहीं है। इसकी शुरूआत स्कूली स्तर से होती है। इसके लिए सीबीएसई टूर्नामेंट, एसजीएफआई (स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया) और रिलायंस टूर्नामेंट में भाग लिया जा सकता है। वहीं जूनियर नेशनल्स से भी आगे जाया जा सकता है। वहीं राज्य टीम में चयन के बाद नेशनल स्तर की राह बनती है। राज्य स्तर पर अच्छा प्रदर्शन अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ी अंडर-15, 16 और 19 नेशनल टीम में जगह हासिल करते हैं।
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