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  • Tuesday, 04 November 2025
सफलता पाने का कोई शॉर्टकट नहीं होता: Shraddha Das

सफलता पाने का कोई शॉर्टकट नहीं होता: Shraddha Das

मुंबई। बॉलीवुड अभिनेत्री श्रद्धा दास का मानना है कि सफलता पाने का कोई शॉर्टकट नहीं होता, बल्कि लगातार काम करते रहना और खुद के लिए मौके बनाना ही असली कुंजी है। ताजा इंटरव्यू में श्रद्धा दास ने कहा, “मैंने अपने करियर की शुरुआत छोटे-बड़े हर तरह के रोल से की। कभी गाने किए, कभी सपोर्टिंग किरदार निभाए। लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। आज के समय में किसी बड़ी फिल्म के लॉन्च का इंतजार करना बेकार है। अगर आप बाहर से आते हैं, तो लगातार काम करते रहना और सही प्रोजेक्ट्स को स्वीकार करना ही आगे बढ़ने का रास्ता है।” उन्होंने बताया कि जब भी वह कोई प्रोजेक्ट चुनती हैं, तो सबसे पहले डायरेक्टर के अनुभव और दृष्टिकोण को महत्व देती हैं। इसके बाद वह प्रोडक्शन हाउस, सह-कलाकारों और स्क्रिप्ट पर ध्यान देती हैं। श्रद्धा ने कहा, “मेरे लिए यह जरूरी है कि मेरा किरदार कहानी में एक फर्क लाए। मैं हमेशा यह देखती हूं कि मेरी भूमिका सिर्फ स्क्रीन पर मौजूद न हो, बल्कि कहानी को आगे बढ़ाने में भी अहम हो।” श्रद्धा दास की हाल ही में रिलीज हुई वेब सीरीज ‘सर्च: द नैना मर्डर केस’ को दर्शकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली। उनकी इस सीरीज की लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आईएमडीबी ने श्रद्धा को भारतीय सेलिब्रिटी की सूची में पहला स्थान दिया। उन्होंने बताया कि शुरुआत में उनका आईएमडीबी रैंक लगभग 1400 था, जो फिल्म ‘खाकी’ के बाद बढ़कर 82 हो गया।

‘नैना मर्डर केस’ की रिलीज के बाद उनकी रैंकिंग तेजी से बढ़ी पहले सप्ताह वह 15वें स्थान पर थीं, फिर चौथे पर और आखिर में नंबर 1 पर पहुंच गईं। श्रद्धा ने कहा, “मेरे पास न कोई पीआर टीम है, न आईएमडीबी से कोई व्यक्तिगत संपर्क। इसलिए यह उपलब्धि मेरे लिए बहुत खास है। लोगों ने मेरे किरदार को इतना प्यार दिया, यह मेरे लिए सबसे बड़ी सफलता है। इस अनुभव ने मुझे सिखाया कि सच्ची मेहनत और लगन कभी बेकार नहीं जाती। इंडस्ट्री में टिके रहने का एक ही तरीका है लगातार काम करते रहना, खुद को बेहतर बनाते रहना और दर्शकों का भरोसा जीतना।” बता दें कि फिल्म इंडस्ट्री में बदलाव की रफ्तार हमेशा तेज रही है, लेकिन अब यह पहले से कहीं ज्यादा व्यावहारिक हो गई है। पहले जहां किसी कलाकार के करियर की शुरुआत किसी बड़ी फिल्म या भव्य लॉन्चिंग से होना जरूरी माना जाता था, वहीं आज का दौर टैलेंट और मेहनत को ज्यादा महत्व देता है।

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