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Vande Bharat 6 जून से दौड़़ेगी कश्मीर तक, चिनाब पुल बनेगा गौरव का प्रतीक

Vande Bharat 6 जून से दौड़़ेगी कश्मीर तक, चिनाब पुल बनेगा गौरव का प्रतीक

जम्मू। कश्मीर घाटी को रेल मार्ग से देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने का तीन दशकों पुराना सपना आखिरकार पूरा होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जून को कटड़ा से श्रीनगर के लिए पहली वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे। यह ट्रेन दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज, चिनाब पुल, पर भी दौड़ेगी, जो कि एफिल टॉवर से भी ऊंचा है। यहां बताते चलें कि उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना को 1994-95 में स्वीकृति मिली थी, जिसकी कुल लागत 37,012 करोड़ रुपये रही। यह परियोजना अब पूरी तरह से तैयार है और 272 किलोमीटर लंबी है। इस परियोजना को 5 चरणों में विभाजित किया गया। पहला चरण बारामुला-काजीगुंड (118 किमी) – शुरू: अक्टूबर 2009, द्वितीय चरण काजीगुंड-बनिहाल (18 किमी) – शुरू: जून 2013, तृतीय चरण उधमपुर-कटड़ा (25 किमी) – शुरू: जुलाई 2014, चतुर्थ चरण बनिहाल-संगलदान (48 किमी) – शुरू: फरवरी 2024 और पंचम चरण कटड़ा-संगलदान (63 किमी) – शुरू: 6 जून 2025 है। इंजीनियरिंग की बेमिसाल मिसालें इस परियोजना में 943 पुल और 36 सुरंगें शामिल हैं।

कुल 164 किलोमीटर सफर पुलों और सुरंगों से होकर गुजरता है। चिनाब ब्रिज — विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज, जिसकी ऊंचाई 359 मीटर है (एफिल टॉवर से अधिक)। अंजी खड्ड पुल — देश का पहला केबल-स्टे रेलवे ब्रिज। टी-1 सुरंग — वैष्णो देवी के त्रिकुटा पर्वत के नीचे बनी, जिसका निर्माण पूरा होने में 20 वर्ष लगे। टी-50 सुरंग — भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग, लंबाई 12.77 किमी। यह रेल मार्ग सुरक्षा, पर्यटन और व्यापार के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। परियोजना में हजारों इंजीनियरों, मजदूरों और तकनीशियनों की कड़ी मेहनत शामिल रही। निर्माण में भूगोल, मौसम और जलनिकासी जैसी कई चुनौतियाँ आईं, जिन पर काबू पाना किसी उपलब्धि से कम नहीं। इस प्रकार यह सिर्फ एक ट्रेन नहीं, बल्कि कश्मीर को जोड़ने वाला विश्वास और विकास का नया सेतु है।

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