क्यों ज्यादा पैसा खर्च कर सैन्य विमानों से अवैध प्रवासियों को उनके देश भेज रहे Trump
वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता संभालते ही अवैध प्रवासियों को उनके घर भेजना शुरू कर दिया है। सबसे खास बात है कि, इन प्रवासियों को वापस किसी सिविल विमान से नहीं बल्कि अमेरिकी सेना के विशेष विमानों से भेजा जा रहा है। इस पर कोलंबिया सरकार ने ट्रंप प्रशासन के कदम पर आपत्ति जताकर अमेरिकी सेना के विमानों को आने से रोक दिया था। कोलंबिया ने अपने नागरिकों को वापस बुलाने के लिए अपने सिविल विमानों को अमेरिका भेज रहा है। अमेरिका में ऐसा पहली बार है जब अवैध प्रवासियों को भेजने के लिए सैन्य विमानों का इस्तेमाल हो रहा है। इसका खर्च सिविल प्लेन के मुकाबले काफी ज्यादा महंगा है। इसके बावजूद नए राष्ट्रपति ट्रंप खर्च बढ़ने से परेशान नहीं हैं। ट्रंप शायद अवैध प्रवासियों को यूएस आर्मी के प्लेन से उनके वतन वापस भेजकर दुनिया भर में संदेश देना चाह रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अगर दोनों विमानों में खर्च की तुलना करने पर अमेरिकी सैन्य विमानों का खर्चा कहीं ज्यादा है। हाल ही में ग्वाटेमाला देश के अवैध प्रवासियों को सैन्य विमान से वापस भेजा गया था। प्रक्रिया में प्रति आदमी 4 हजार 675 डॉलर का खर्च आया और यह सिविल प्लेन के खर्च से 5 गुना ज्यादा है। अगर कोई अमेरिकन एयरलाइंस से इसी रूट पर जाता है, तब एक आदमी का खर्च सिर्फ 853 डॉलर आएगा। रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में यूएस इमिग्रेशन एंड कस्टम्स इंफोर्समेंट के कार्यकारी डायरेक्टर टाय जॉनसन ने अमेरिकी सदन में बताया था कि, सिविल विमान से 135 प्रवासियों को वापस भेजने में करीब 17 हजार डॉलर प्रति घंटे का खर्च आता है। अगर रास्ता कम से कम 5 घंटे का है, तब उस अनुसार यह खर्च 85 हजार डॉलर पहुंच जाता है। वहीं अमेरिकी सेना के सी-17 विमानों को इस्तेमाल करने पर खर्च प्रत्येक घंटे के हिसाब से 28 हजार 500 डॉलर आता है।
अवैध प्रवासियों को भेजने के लिए अभी तक सबसे लंबा रूट भारत का है। भारत से पहले अमेरिकी सेना के विमान ग्वाटेमाला, पेरू, हैंडर्स और इक्वाडोर अवैध प्रवासियों को छोड़ने जा चुके हैं। दरअसल चुनाव के दौरान ट्रंप अवैध प्रवासन के मुद्दे पर जोरों-शोरों से प्रचार कर रहे थे। ट्रंप अवैध प्रवासियों को अमेरिका में घुसपैठ करने वाले एलियंस से लेकर अपराधी तक कहते रहे हैं। सेना के विमानों में अब इन्हें अपराधियों की तरह ही हाथ-पैर बांधकर वापस भेजा जा रहा है। ऐसा करने से एक संदेश दुनिया भर में जाएगा कि ट्रंप अवैध प्रवासन के मामले में बहुत ज्यादा सख्त हैं। हाल ही में रिपब्लिकन पार्टी के सांसदों से बात कर ट्रंप ने कहा था कि, इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि हमारी सरकार इन अवैध एलियंस को सेना के विमानों में भरकर वापस भेज रही है। सालों से जो लोग हमें मूर्ख लोग समझकर हंस रहे थे, अब वे हमारा फिर सम्मान करने वाले है। डोनाल्ड ट्रंप चुनाव जीतने के बाद से ही अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे लोगों को किसी डिटेंशन सेंटर न भेजकर जल्द से जल्द उन्हें उनके देश वापस भेजने की तैयारी कर रहे थे। ट्रंप के कदम से खुश नहीं है लैटिन अमेरिकी क्षेत्र के नेता ट्रंप के अवैध प्रवासियों को यूएस आर्मी के विमान से वापस भेजने के प्लान से लैटिन अमेरिका क्षेत्र के कई देश नाराज हैं। मैक्सिको की राष्ट्रपति का मानना है कि, अमेरिकी सेना के विमानों का उनके क्षेत्र में आना उनकी संप्रभुता के लिए खतरनाक है। राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम पार्डो ने कहा कि, वह अपनी सीमाओं में कुछ भी करें लेकिन जब बात मैक्सिको की आती है, तब हम सबसे पहले अपनी संप्रभुता की रक्षा करते हैं और बातचीत के जरिए चीजों का हल निकालने की कोशिश करते हैं।
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