भारत को कार्बन उत्सर्जन घटाने 1.5 अरब डॉलर का ऋण देगा World Bank
नई दिल्ली। विश्व बैंक ने कम कार्बन उत्सर्जन वाले ऊर्जा उत्पादन के विकास में तेजी लाने के लिए दूसरे ऑपरेशन के तहत भारत को 1.5 अरब डॉलर के ऋण को मंजूरी दी है। विश्व बैंक ने वाशिंगटन में बताया कि लो-कार्बन एनर्जी प्रोग्रामेटिक डेवलपमेंट पॉलिसी ऑपरेशन का दूसरा चरण ग्रीन हाइड्रोजन और इलेक्ट्रोलाइजर के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सुधारों में मददगार होगा, जो ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण तकनीक है।
यह ऑपरेशन सरकार की ऊर्जा सुरक्षा और विश्व बैंक की हाइड्रोजन फॉर डेवलपमेंट (एच4डी) भागीदारी के अनुरूप है। विश्व बैंक के अनुसार सुधारों के परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2025-26 से प्रति वर्ष कम से कम 4,50,000 टन ग्रीन हाइड्रोजन और 1,500 मेगावाट इलेक्ट्रोलाइजर का उत्पादन होने की उम्मीद है। इसके अलावा यह अक्षय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने और कार्बन उत्सर्जन में प्रति वर्ष पांच करोड़ टन कमी लाने में भी महत्वपूर्ण रूप से मदद करेगा। यह ऑपरेशन राष्ट्रीय कार्बन क्रेडिट बाजार को और विकसित करने के कदमों का भी समर्थन करेगा।
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