
साल 2019 में शराब के कारण 26 लाख लोगों की हुई मृत्यु : WHO
हार्वर्ड । शराब के कारण हर साल लाखों लोग जान गंवाते हैं, और इसका प्रभाव न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य पर पड़ता है, बल्कि सामाजिक और पारिवारिक जीवन भी इससे प्रभावित होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में शराब के कारण 26 लाख लोगों की मृत्यु हुई थी, जिनमें से दो तिहाई से अधिक पुरुष थे। यह आंकड़े चिंताजनक हैं और बताते हैं कि शराब का सेवन कितनी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। शराब से लीवर सिरोसिस, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, कैंसर और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, शराब के कारण सड़क दुर्घटनाओं, आत्महत्याओं और अपराधों में भी वृद्धि देखी गई है। हालांकि, कई लोग मानते हैं कि शराब के कुछ फायदे भी होते हैं, जैसे कि तनाव कम करना या सामाजिक मेलजोल बढ़ाना, लेकिन चिकित्सकीय दृष्टि से इसके नुकसान कहीं अधिक हैं। हार्वर्ड हेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार, सीमित मात्रा में शराब का सेवन भी स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। शराब का अत्यधिक सेवन व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है, जिससे वह जोखिम भरे निर्णय ले सकता है और हिंसा या दुर्घटनाओं का शिकार हो सकता है। आर्थिक दृष्टि से देखें तो शराब उद्योग कई देशों की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देता है। अमेरिका में शराब उद्योग सालाना 250 अरब डॉलर से अधिक की बिक्री करता है, और इस उद्योग से लाखों लोगों को रोजगार मिलता है।
भारत में भी शराब उद्योग सरकार को भारी मात्रा में राजस्व प्रदान करता है, लेकिन इसके साथ ही सामाजिक और स्वास्थ्य समस्याओं का बढ़ना भी चिंता का विषय बना हुआ है। शराब का असर केवल उपभोक्ताओं तक सीमित नहीं रहता, बल्कि उनके परिवारों और समाज पर भी पड़ता है। शराब की लत के कारण घरेलू हिंसा, बच्चों की उपेक्षा और सामाजिक अस्थिरता जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। कई देशों में शराब नियंत्रण के लिए सख्त कानून बनाए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद इसका सेवन लगातार बढ़ रहा है। शराब के दुष्प्रभावों को देखते हुए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि इसे पूरी तरह से छोड़ देना ही बेहतर है। यदि कोई व्यक्ति इसकी लत से परेशान है, तो उसे डॉक्टर या पुनर्वास केंद्र की मदद लेनी चाहिए। सरकारों को भी शराब पर नियंत्रण के लिए और कड़े कानून बनाने चाहिए, ताकि समाज में इसके दुष्प्रभावों को कम किया जा सके। मालूम हो कि आज के समय में शराब का सेवन एक आम प्रवृत्ति बन चुका है। दुनियाभर में करोड़ों लोग इसे सामाजिक जीवन का हिस्सा मानते हैं, लेकिन इसके गंभीर दुष्प्रभावों को अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
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