Dark Mode
सीरिया में तख्तापलट के बाद Israel ढूंढ रहा अपने खास जासूस की कब्र

सीरिया में तख्तापलट के बाद Israel ढूंढ रहा अपने खास जासूस की कब्र

1965 में पकड़ने जाने के बाद कोहेन को खुलेआम फांसी पर लटका दिया था

यरुशलम। सीरिया में बशर अल-असद शासन के पतन के साथ ही इजराइल ने सीरिया के अंदर एक सीक्रेट कब्र की तलाश शुरू कर दी है। ये कब्र इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद के जासूस एली कोहेन की है। इजराइली मीडिया जानकारी दी कि इजराइल ने जासूस एली कोहेन को दफन किए जाने वाली जगह का पता लगाने के लिए सीरिया के अंदर और विदेश में संपर्क शुरू कर दिया है। इसके साथ ही इजराइल ने 1982 में लेबनान में सीरियाई सेना के साथ सुल्तान याकूब की लड़ाई के बाद लापता घोषित आईडीएफ सैनिकों के शवों का पता लगाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। फरवरी 2021 में बताया गया था कि जासूस कोहेन के शव को इजराइल को सौंपने के लिए रूस, सीरियाई अधिकारियों के साथ मिलकर दक्षिणी दमिश्क में यरमौक शरणार्थी शिविर क्षेत्र की तलाश कर रहा था। इसके अगले महीने ही कोहेन से जुड़ी एक चीज को इजराइल को सौंपा था। उस समय इजराइली मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि यह वस्तु कोहेन के कपड़ों का दस्तावेज या फिर कोई लेख हो सकता है। हालांकि, तत्कालीन पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने इन रिपोर्टों का खंडन किया था। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि क्या वास्तव में कोई ऐसी चीज सौंपी गई थी। एली कोहेन मोसाद के एक जासूस थे, जिन्हें सीरिया में मिशन के तहत भेजा गया था। कोहेन का जन्म साल 1924 में मिस्र में एक सीरियाई यहूदी परिवार में हुआ था।

उन्होंने सीरियाई व्यापारी के रूप में खुद को पेश करके सीरिया की सेना और सरकार के उच्चतम पदों तक अपनी पैठ बना ली थी। साल 1961 से 1965 के बीच कोहेन ने सीरिया के अंदर से कई खुफिया जानकारी इजराइल को सौंपी थी। कोहेन के मिशन को इजराइल के इतिहास में अब तक के सबसे साहसी खुफिया जानकारी जुटाने वाले अभियानों में याद किया जाता है। कोहेन की पकड़ इतनी गहरी थी कि उन्हें रक्षा उपमंत्री बनाने की तैयारी चल रही थी। जनवरी 1965 में जब कोहेन इजराइल को खुफिया संदेश भेज रहे थे, उसी समय सीरियन काउंटर-इंटेलीजेंस ने उनके रेडियो सिग्नल की पहचान कर ली और उन्हें पकड़ लिया था। एक सैन्य मुकदमे के बाद मई 1965 में कोहेन को दमिश्क में खुलेआम फांसी पर लटका दिया गया था। सीरिया ने कोहेन के शव को इजराइल में उनके परिवार को लौटाने से इनकार कर दिया था। कोहेन के शव को कई बार अलग-अलग जगह पर दफनाया गया, ताकि इजराइल उनके अवशेषों को ढूंढ़कर न ले जा सके।

Comment / Reply From

You May Also Like

Newsletter

Subscribe to our mailing list to get the new updates!