बीसीसीआई वही करे जो भारतीय टीम के लिए फायदेमंद हो : Kapil Dev
तीनों प्रारुपों में अलग कोच रखने का मामला
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव कहा है कि वह सभी प्रारुपों में अलग कोच रखने को लेकर कुछ नहीं कह सकते हैं। भारतीय टीम के टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद से ही टेस्ट और सीमित ओवरों के प्रारुप में अलग-अलग कोच रखने की मांग हो रही है। वहीं कपिल का मानना है कि इस मामले में भारतीय क्रिकेट बोर्ड ( बीसीसीआई) को वही करना चाहिये जो भारतीय क्रिकेट के लिए सबसे बेहतर हो। वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या टेस्ट और सीमित ओवरों के प्रारुप में अलग-अलग कोच रखना भारतीय टीम के लिए लाभ प्रद रहेगा तो उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब मेरे पास नहीं है। इसके लिए काफी सोच-विचार की जरुरत होती है कि अपने दिमाग में ऐसी किसी चीज पर काम करना होगा और सोचना होगा कि क्या होना चाहिए। मुझे लगता है कि क्रिकेट के लिए जो भी अच्छा हो, उन्हें वही करना चाहिए। इस पूर्व कप्तान ने कहा कि आजकल के सोशल-मीडिया के दौर में एथलीट बनना उनके खेलने के दिनों की तुलना में ज़्यादा कठिन होने की बातें सही नहीं है। उन्होंने कहा, ये सब मानसिकता पर अधारित है। एथलीट बनना तब भी कठिन था, अब भी है। तब भी आसान था और अब भी आसान है। सबसे अहम बात ये है कि आपकी मानसिकता कैसी है।
वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या टी20 लीग में अधिक पैसे से राष्ट्रीय टीम की ओर से खेलने का महत्व कम कर दिया है तो कपिल ने इससे सहीं नहीं बताते हुए कहा कि हर खिलाड़ी अपनी प्राथमिकताओं को अलग-अलग तरह से देखता है। उन्होंने कहा, हर किसी को पैसा पसंद है हालांकि कुछ खिलाड़ियों को लगता है कि यह बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। मुझे अब भी लगता है कि आईपीएल खेलने से ज्यादा जरुरी भारत के लिए खेलना है हालांकि हर किसी की सोच अलग होती है। । वहीं जब उनसे पूछा गया कि उन्हें कौनसा प्रारुप अधिक पसंद है तो कपिल ने कहा कि उन्हें सभी रूपों में आनंद आता है। उन्होंने कहा, मुझे बस क्रिकेट पसंद है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दो गेंदों का क्रिकेट हो या 100 गेंदों का या 100 ओवर का या 10 ओवर का... क्रिकेट तो क्रिकेट है।
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