भाजपा के Dilip Ghosh की जबान फिसली बोले 15 लाख आज तक नहीं मिले,टीएमसी ने की घेराबंदी
कोलकाता। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि विदेशों में जमा काला धन वापस आ जाए तो भारत के हरेक व्यक्ति के खाते में 15 लाख रुपए जमा हो सकते हैं। विपक्ष ने इसे मुद़दा बना लिया और आज 10 साल बीतने के बाद भी तंज के तौर पर 15 लाख रुपए बार बार याद दिलाए जाते हैं। 15 लाख का यह डायलॉग इतना जहन में भर गया कि खुद भाजपा के नेताओं की जुबान फिसलने लगी। इस बार भी जब इसकी चर्चा की गई तो दिलीप घोष सकते में आ गए। बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और बर्धमान-दुर्गापुर लोकसभा सीट से बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़ रहे घोष ने कहा, 15 लाख रुपये के इंतजार में कई लोग ऊपर चले गए। हम 15 करोड़ रुपये की बात कर रहे हैं। आपको बता दें कि दिलीप घोष ने इस बात का जिक्र नहीं किया कि वह किस 15 करोड़ का जिक्र कर रहे हैं।
तृणमूल कांग्रेस ने दिलीप घोष की इस टिप्पणी पर हमलावर है। टीएमसी ने आरोप लगाया कि दिलीप घोष वास्तव में इस तरह की टिप्पणियों के जरिए आम लोगों को कमजोर कर रहे हैं। दिलीप घोषण की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल प्रवक्ता प्रसेनजीत दास ने कहा, नरेंद्र मोदी के पास कोई भी अपनी मर्जी से पैसे मांगने नहीं गया। उन्होंने खुद विदेश से काला धन वापस लाने का दावा किया था। फिर सबके खाते में 15-15 लाख भेजने की बात कही थी। लेकिन दिलीप घोष ऐसी बातें कहकर लोगों को कमजोर कर रहे हैं।इससे पहले दिलीप घोष के द्वारा ममता बनर्जी के बारे में अपशब्द का प्रयोग करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा सेंसर किया गया था। इसके बाद भी वह नहीं रुके। हाल ही में वह जलपाईगुड़ी में आए तूफान के बारे में कहा था, उत्तरी बंगाल में तूफान शुरू हो रहा है। वहां से वोटिंग शुरू हो रही है। बीजेपी की आंधी चल पड़ी है। इसीलिए सब पागल हो रहा है। तूफान के बारे में ऐसी असंवेदनशील टिप्पणी करने के लिए दिलीप घोष की आलोचना की गई थी।
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