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  • Thursday, 25 December 2025
धोखाधड़ी के ‎शिकार व्य‎क्ति के खाते से गायब हुए 2.6 लाख वापस करे बैंक: High Court

धोखाधड़ी के ‎शिकार व्य‎क्ति के खाते से गायब हुए 2.6 लाख वापस करे बैंक: High Court

हर्जाने के रूप में याचिकाकर्ता को 25,000 रुपये का भुगतान भी करे

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को निर्देश दिया है कि वह साइबर धोखाधड़ी के शिकार 55 वर्षीय व्यक्ति के खाते से गायब हुए 2.6 लाख रुपये वापस करे। यह मामला 2021 में सामने आया था, जब याचिकाकर्ता एक फिशिंग और विशिंग हमले का शिकार हुआ। अदालत ने यह भी आदेश दिया है कि बैंक उक्त राशि पर 9 फीसदी वार्षिक ब्याज और हर्जाने के रूप में याचिकाकर्ता को 25,000 रुपये का भुगतान करे। न्यायमूर्ति धर्मेश शर्मा ने अपने फैसले में भारतीय स्‍टेट बैंक को स्पष्ट सेवा कमी का दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी की सूचना मिलने के बावजूद बैंक की प्रतिक्रिया ढीली, दोषपूर्ण और समय पर नहीं थी। अदालत ने कहा कि बैंक को ग्राहक के साथ एजेंट की तरह व्यवहार करते हुए उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए और धोखाधड़ी का पता लगते ही तेजी से कार्रवाई करनी चाहिए।

याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसने अपराधियों के साथ कोई ओटीपी साझा नहीं किया था, फिर भी उसके खाते से राशि निकाल ली गई। न्यायमूर्ति ने कहा कि बैंक ने संदिग्ध खातों को चार्जबैक, पुनर्प्राप्ति या फ्रीज करने जैसे कदम उठाने में लापरवाही बरती। अदालत ने विशेष रूप से एसबीआई की आलोचना करते हुए कहा कि उसने आईडीएफसी बैंक और वन97 कम्युनिकेशन में रखे गए खातों पर भी कोई कार्रवाई नहीं की। न्यायालय ने कहा कि ग्राहक सेवा किसी भी बैंक के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर धोखाधड़ी के मामलों में। इस मामले में बैंक का रवैया गंभीर रूप से असंतोषजनक और गंभीर सेवा कमी का उदाहरण था। अदालत के इस आदेश से साइबर धोखाधड़ी से पीड़ित लोगों को न्याय पाने की उम्मीद जगी है।

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