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  • Thursday, 30 October 2025
दावा जल्द आएगी खुशखबरी-Russia-Ukraine समझौते की ओर बढ़ते कदम, जल्द मिलेगी राहत

दावा जल्द आएगी खुशखबरी-Russia-Ukraine समझौते की ओर बढ़ते कदम, जल्द मिलेगी राहत

वॉशिंगटन। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के विशेष दूत और शीर्ष आर्थिक वार्ताकार किरिल दिमित्रिएव ने दावा किया है कि रूस, अमेरिका और यूक्रेन एक कूटनीतिक समझौते के बेहद करीब हैं। शुक्रवार को अमेरिका पहुंचे दिमित्रिएव ने यह बात ऐसे समय में कही, जब दो दिन पहले ही ट्रंप प्रशासन ने रूस की दो प्रमुख तेल कंपनियों, रोजनेफ्ट और लुकोइल, पर नए प्रतिबंध लगाए थे। दिमित्रिएव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मैं अमेरिका-रूस के बीच संवाद को आगे बढ़ाने के लिए वॉशिंगटन पहुंचा हूं। यह यात्रा पहले से तय थी और अमेरिकी पक्ष के निमंत्रण पर हो रही है। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा, रूस, अमेरिका और यूक्रेन अब एक ठोस कूटनीतिक समाधान के करीब हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का यह स्वीकार करना कि अब युद्ध बैटल लाइनों तक सीमित हो गया है, एक महत्वपूर्ण बदलाव है। पहले यूक्रेन रूस की पूर्ण वापसी की मांग करता था, लेकिन अब स्थिति बदल रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर सभी पक्ष व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाएं, तो युद्ध को बातचीत के जरिए खत्म किया जा सकता है। दिमित्रिएव ने यह भी स्पष्ट किया कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच प्रस्तावित मुलाकात रद्द नहीं हुई है, बल्कि इसे भविष्य की तारीख के लिए टाला गया है।

हाल ही में ट्रंप ने कहा था कि वह बुडापेस्ट में होने वाली इस मुलाकात को स्थगित कर रहे हैं, क्योंकि वह बिना किसी ठोस परिणाम वाली बैठक नहीं चाहते। रूसी मीडिया से बातचीत में दिमित्रिएव ने कहा, दुर्भाग्यवश, यूक्रेन इस संवाद में बाधा डाल रहा है, और इसमें ब्रिटेन व कुछ यूरोपीय देशों का भी दबाव है, जो चाहते हैं कि यह संघर्ष जारी रहे। उन्होंने अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा कि हाल के प्रतिबंधों से अमेरिकी नागरिकों के लिए पेट्रोल की कीमतें और बढ़ सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि रूस के साथ आर्थिक सहयोग की संभावनाएं अभी बाकी हैं, बशर्ते रूस के हितों का सम्मान हो। रोजनेफ्ट और लुकोइल, जो रूस के कुल तेल उत्पादन का आधा हिस्सा संभालती हैं, अमेरिकी प्रतिबंधों के दायरे में हैं। दिमित्रिएव का यह बयान कूटनीतिक समाधान की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन चुनौतियां अभी भी बरकरार हैं।

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