Congress ने बनाया रनवे, अर्थव्यवस्था ने उड़ान मोदी सरकार के आने बाद ही भरी: Adani
अगले 26 साल में शेयर बाजार का पूंजीकरण 40 लाख करोड़ डॉलर के पार पहुंचने की संभावना
नई दिल्ली। अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने कांग्रेस सरकार के समय 1991 में हुए आर्थिक सुधारों की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हीं ने भारत की आर्थिक प्रगति की बुनियाद और रनवे तैयार किया। उन्होंने यह भी कहा कि अर्थव्यवस्था ने उड़ान 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार आने के बाद ही भरी। अदाणी ने कहा कि अगर 1991 से 2014 के बीच बुनियाद रखी गई और रनवे बनाया गया तो अर्थव्यवस्था के विमान ने उड़ान 2014 से 2024 के बीच भरी। अदाणी मुंबई में हाल ही में आयोजित क्रिसिल इन्फ्रास्ट्रक्चर सम्मेलन में बोल रहे थे। वहां कई वित्तीय और गैर वित्तीय संस्थानों के आला अधिकारी मौजूद थे, जो भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं। अदाणी ने कहा कि दिवंगत प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव और तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा घोषित सुधारों को भारत के आर्थिक इतिहास में सब कुछ बदलने वाला लम्हा माना जाएगा। 1991 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण के इरादे से कई आर्थिक सुधार लागू किए थे। अदाणी ने वर्ष 1991 और उसके सुधारों को अहम मोड़ करार दिया। कोयले से लेकर हवाई अड्डा तक विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे अरबपति उद्यमी अदाणी ने अपना कारोबारी सफर 1988 में एक ट्रेडिंग कंपनी से शुरू किया था। पिछले एक दशक में देश की अर्थव्यवस्था में बढोतरी के पीछे अदाणी ने गवर्नेंस की गुणवत्ता को सबसे अहम वजह बताया।
एशिया के दूसरे सबसे अमीर उद्योगपति अदाणी के समूह का विस्तार भी देश की आर्थिक यात्रा के साथ ही हुआ। पिछले 30 साल में समूह ने ऊर्जा, सीमेंट और बुनियादी ढांचे के कई क्षेत्रों में देसी तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार का अगुआ बनने के लिए इन मौकों का लाभ उठाया है। इन क्षेत्रों में कामयाब होने के बाद भी अदाणी ने ऊर्जा के बदलाव के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे और डिजिटल बुनियादी ढांचे को तेजी से उभरते क्षेत्र बताया और कहा कि उनमें ट्रिलियन डॉलर के मौके हैं। उन्होंने कहा कि जिस रफ्तार से भारत बढ़ रहा है और जिस तरह सरकार सामाजिक एवं आर्थिक सुधार लागू कर रही है, उसे देखते हुए मुझे लगता है कि अगले एक दशक में ही भारत हर 12 से 18 महीने में अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 1 लाख करोड़ डॉलर का इजाफा करना शुरू कर देगा। इससे हमें 2050 तक 30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में मदद मिलेगी। अदाणी ने अनुमान लगाया कि अगले 26 साल में शेयर बाजार का पूंजीकरण 40 लाख करोड़ डॉलर के पार पहुंच जाएगा। अभी भारत का बाजार पूंजीकरण 5 लाख करोड़ डॉलर के आसपास है।
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