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  • Saturday, 01 November 2025
तेलुगु फिल्म ‘बोनी’ से पहला बड़ा ब्रेक मिला था: Kriti Kharbanda

तेलुगु फिल्म ‘बोनी’ से पहला बड़ा ब्रेक मिला था: Kriti Kharbanda

मुंबई। बालीवुड एक्ट्रेस कृति खरबंदा के कॅरियर की शुरुआत मॉडलिंग और विज्ञापन फिल्मों से हुई, जहां उनकी मासूम मुस्कान ने लोगों का ध्यान खींचा। इसके बाद साल 2009 में उन्हें तेलुगु फिल्म ‘बोनी’ से पहला बड़ा ब्रेक मिला। दक्षिण भारतीय फिल्मों में कुछ सालों तक अपनी प्रतिभा साबित करने के बाद उन्होंने 2016 में फिल्म ‘राज रिबूट’ से बॉलीवुड में कदम रखा। कृति के करियर का असली मोड़ 2017 में आया, जब वह राजकुमार राव के साथ फिल्म ‘शादी में जरूर आना’ में नजर आईं। उत्तर प्रदेश के एक छोटे शहर की पीसीएस अधिकारी आरती शुक्ला का उनका किरदार आज भी दर्शकों के दिल में ताजा है। कृति ने इस भूमिका को सिर्फ निभाया नहीं, बल्कि उसे जिया। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि फिल्म की शूटिंग के दौरान जब वह पारंपरिक दुल्हन के जोड़े में तैयार हुईं, तो सेट का माहौल इतना वास्तविक था कि उन्हें लगा मानो यह उनकी अपनी शादी हो रही हो। शादी की रस्में, सजावट, परिवार का भावुक माहौल इन सबने उन्हें अंदर तक झकझोर दिया। कृति के अनुसार, उस पल में काल्पनिक और वास्तविकता की सीमाएं धुंधली हो गई थीं। उन्होंने बताया कि वह बार-बार भावुक हो जाती थीं, क्योंकि उस दृश्य में वह उस लड़की की भावनाओं को महसूस कर रही थीं, जो अपने सपनों और स्वाभिमान के बीच चुनाव कर रही है। यही गहरा जुड़ाव उनके अभिनय में सच्चाई लेकर आया। इस फिल्म ने कृति को दर्शकों के दिलों में एक मजबूत पहचान दी और यह साबित किया कि वह केवल ग्लैमर का हिस्सा नहीं, बल्कि एक सशक्त अभिनेत्री हैं। कृति ने कहा था कि ‘शादी में जरूर आना’ उनके जीवन का एक जादुई अनुभव था। उन्हें इस फिल्म से जो प्यार और पहचान मिली, वह किसी भी आर्थिक सफलता से कहीं ज्यादा मायने रखती है।

इससे पहले कृति ने कन्नड़ फिल्म ‘प्रेम अड्डा’ में भी यह दिखाया था कि वह किरदार के लिए किसी भी हद तक जा सकती हैं। उस फिल्म में उन्होंने बिना मेकअप के 80 के दशक की ग्रामीण लड़की का किरदार निभाया था। अपनी गोरी रंगत के कारण उस किरदार में ढलना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने अपनी मां के साथ मिलकर खुद कपड़े डिजाइन किए ताकि लुक पूरी तरह असली लगे। कृति खरबंदा आज बॉलीवुड में अपनी सादगी, मेहनत और अभिनय की सच्चाई के लिए जानी जाती हैं। उनकी यात्रा यह साबित करती है कि सच्चा अभिनय सिर्फ कैमरे के सामने नहीं, बल्कि दिल के भीतर से जन्म लेता है। बता दें कि कृति खरबंदा एक ऐसा नाम जो सुनते ही चेहरे पर मुस्कान आ जाती है। कभी उनकी शरारती हंसी दिल को छू जाती है, तो कभी उनकी सादगी मन मोह लेती है। दिल्ली में 29 अक्टूबर 1990 को जन्मीं कृति ने कभी नहीं सोचा था कि वह एक दिन बॉलीवुड की चमकती दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाएंगी।

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