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  • Tuesday, 02 September 2025
Helicopter crisis: अब ध्रुव की उड़ान पर रोक, बार बार क्रैश हो रहे चेतक और चीता

Helicopter crisis: अब ध्रुव की उड़ान पर रोक, बार बार क्रैश हो रहे चेतक और चीता

नई दिल्ली। हेलिकॉप्टरों को लेकर एक नया संकट दिखाई दे रहा है। चेतक और चीता बार बार क्रैश हो रहे हैं इनमें उड़ान भरना किसी खतरे से कम नहीं है वहीं ध्रुव पर पहले से ही रोक लगी है। ऐसे में हेलिकॉप्टर संकट लाजिमी है। लगभग 330 ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) लंबे समय से ग्राउंडेड हैं। इसने सैन्य अभियानों, विशेष रूप से अग्रिम क्षेत्रों में सप्लाई उड़ानों और टोही मिशनों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। भारतीय सशस्त्र बल पहले से ही 350 पुराने सिंगल-इंजन वाले चेतक और चीता हेलिकॉप्टरों की खराब हालत और बार-बार क्रैश होने की घटनाओं से जूझ रहे हैं। ये ध्रुव हेलिकॉप्टर भारतीय सेना, वायुसेना, नौसेना और तटरक्षक बल की रीढ़ माने जाते हैं। ये हेलिकॉप्टर चीन और पाकिस्तान के साथ लगती सीमाओं के अग्रिम क्षेत्रों में सस्टेनेन्स फ्लाइट्स, निगरानी, टोही, खोज और बचाव अभियानों में अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन पिछले तीन महीनों से इन सभी अभियानों में भारी रुकावट आ रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, सभी सैन्य अभियानों पर असर पड़ा है। ध्रुव हेलिकॉप्टर उड़ाने वाले पायलटों की उड़ान की दक्षता भी प्रभावित हो रही है, और अब वे केवल सिमुलेटर पर अभ्यास कर पा रहे हैं। ध्रुव हेलिकॉप्टरों पर सबसे ज्यादा निर्भरता 11.5 लाख सैनिकों वाली भारतीय थल सेना की है, जिसके पास 180 से अधिक एएलएच हैं, जिनमें 60 हथियारबंद वर्जन रुद्र शामिल हैं।

वायुसेना के पास 75, नौसेना के पास 24 और तटरक्षक बल के पास 19 एएलएच हैं। इन 5.5 टन वजनी हेलिकॉप्टरों को 2002 से शामिल किया गया और वे सैन्य अभियानों का मुख्य आधार रहे हैं। सेना ने अकेले इन विमानों से 2023-24 में लगभग 40,000 घंटे की उड़ानें भरीं। एएलएच की ग्राउंडिंग से पहले से चली आ रही हेलिकॉप्टरों की भारी कमी और गहरा गई है। सशस्त्र बलों ने आने वाले 10-15 वर्षों में अलग-अलग श्रेणी के 1,000 से अधिक नए हेलिकॉप्टरों की आवश्यकता जताई है। इनमें 484 लाइट यूटिलिटी हेलिकॉप्टर (एलयूएच) और 419 मल्टी-रोल हेलिकॉप्टर शामिल हैं। लेकिन एचएएल द्वारा इन परियोजनाओं में लगातार देरी हो रही है। हालांकि, पिछले महीने एचएएल के साथ हुई 62,700 करोड़ रुपये की डील के तहत 2028 से 2033 के बीच 156 ‘प्रचंड’लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर मिलने की उम्मीद है।एएलएच के न उड़ पाने की स्थिति में सेना ने एक वैकल्पिक उपाय के तहत कुछ नागरिक हेलिकॉप्टर किराए पर लिए हैं। खासकर उत्तर और मध्य कमांड ने नवंबर 2024 से यह पहल शुरू की। एक अधिकारी ने बताया, अगर यह कदम न उठाया गया होता, तो अग्रिम चौकियों में तैनात जवानों को रसद और सहायता पहुंचाना बेहद मुश्किल हो जाता। भारत की सैन्य तैयारियों के लिहाज से यह स्थिति अत्यंत चिंताजनक है।

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