80- 90 के दशक में इंडस्ट्री आज जैसी व्यवस्थित नहीं थी: Madhuri Dixit
मुंबई। अपने शुरुआती दौर को याद करते हुए मशहूर अभिनेत्री माधुरी दीक्षित ने बताया कि उस समय फिल्म इंडस्ट्री आज जैसी व्यवस्थित और प्रोफेशनल नहीं थी। 80 और 90 के दशक में गिने-चुने प्रोड्यूसर ही ऐसे थे, जो योजनाबद्ध तरीके से काम करते थे। हाल ही में एक इंटरव्यू में माधुरी दीक्षित ने अपने करियर के शुरुआती दिनों, फिल्ममेकिंग में आए बड़े बदलावों और आज के दौर में फिल्मों के चयन को लेकर खुलकर बात की। माधुरी दीक्षित ने साल 1984 में फिल्म ‘अबोध’ से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने बताया कि यश चोपड़ा, बी. आर. चोपड़ा, सुभाष घई और राजश्री प्रोडक्शन्स जैसे बैनर उस दौर में प्रोफेशनलिज्म की मिसाल माने जाते थे, जबकि ज्यादातर फिल्में सीमित संसाधनों और बिना ठोस प्लानिंग के बनाई जाती थीं। उस समय सेट पर काम करने का माहौल काफी अव्यवस्थित हुआ करता था। उन्होंने बताया कि पहले शूटिंग की प्रक्रिया भी काफी अलग थी। कलाकारों को अपने किरदार की तैयारी के लिए ज्यादा वक्त नहीं मिलता था। कई बार शूटिंग अचानक शुरू हो जाती थी और कलाकारों को मौके पर ही सीन समझकर कैमरे के सामने परफॉर्म करना पड़ता था। इसके विपरीत आज की फिल्म इंडस्ट्री पूरी तरह से बदली हुई है। अब कलाकारों को पहले से पूरी स्क्रिप्ट दी जाती है, किरदार पर गहराई से काम करने का समय मिलता है और शूटिंग से पहले पर्याप्त तैयारी की जाती है, जिससे अभिनय और भी निखर कर सामने आता है।
माधुरी दीक्षित ने शूटिंग के दौरान मिलने वाली सुविधाओं में आए बदलावों पर भी बात की। उन्होंने बताया कि पहले न तो वैनिटी वैन होती थीं और न ही आराम करने के लिए कोई खास व्यवस्था। कलाकारों को अक्सर तेज धूप में छाते के नीचे बैठकर समय बिताना पड़ता था। आज के दौर में सेट पर सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं, जिससे काम का माहौल ज्यादा आरामदायक और प्रोफेशनल बन गया है। माधुरी के मुताबिक, आज फिल्मों में किरदारों पर पहले से कहीं ज्यादा मेहनत की जाती है। लुक, कॉस्ट्यूम और स्क्रीन प्रेजेंस सब कुछ पहले से तय होता है। रीडिंग सेशन और रिहर्सल आम हो चुके हैं, जिससे फिल्ममेकिंग का स्तर काफी ऊंचा हुआ है और कलाकारों को अपने हुनर को बेहतर ढंग से दिखाने का मौका मिलता है। बता दें कि बॉलीवुड की ‘धकधक गर्ल’ माधुरी दीक्षित पिछले चार दशकों से भी अधिक समय से फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हैं और आज भी उतनी ही प्रासंगिक नजर आती हैं। अपने लंबे करियर में उन्होंने न सिर्फ कई सुपरहिट फिल्में दीं, बल्कि समय और दर्शकों की पसंद के साथ खुद को लगातार ढालते हुए आगे बढ़ती रहीं।
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