India की सर्विस सेक्टर की ग्रोथ घटकर निचले स्तर पर आई
नई दिल्ली। भीषण गर्मी, कड़ी प्रतिस्पर्धा, मूल्य दबाव के चलते मई माह में भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर घटकर निचले स्तर पर आ गई। अंतरराष्ट्रीय बाजारों से नए ठेकों में एक दशक में सबसे तेज वृद्धि दर्ज की गई। एक सर्वेक्षण में यह जानकारी सामने आई है। मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया भारत सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक मई माह में गिरकर 60.2 पर आ गया जो पिछले साल दिसंबर के बाद से सबसे निचला स्तर है। अप्रैल में यह 60.8 पर था। खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम अंक का आशय संकुचन से होता है। मई माह के आंकड़ों से पता चलता है कि नए व्यवसाय में मजबूत वृद्धि ने भारत की सेवा अर्थव्यवस्था में उत्पादन वृद्धि को बल देना जारी रखा है। सर्वेक्षण के मुताबिक एक और सकारात्मक बात यह है कि कारोबारी विश्वास में 8 महीनों में सबसे ज्यादा बढ़ोरती हुई।
बिक्री में बढ़ोतरी, उत्पादकता में तेजी और मांग में मजबूती से वृद्धि को समर्थन मिला है। प्रतिस्पर्धा और मूल्य दबावों के कारण वृद्धि में कुछ बाधा भी आई। एचएसबीसी की वैश्विक अर्थशास्त्री मैत्रेयी दास ने कहा कि मई में भारत की सेवा गतिविधि थोड़ी धीमी गति से बढ़ी, घरेलू नए ठेकों में थोड़ी कमी आई लेकिन वे मजबूत बने रहे। यह मजबूत मांग को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि मई में कच्चे माल और श्रम की लागत में बढ़ोरती के चलते लागत दबाव बढ़ गया। कंपनियां मूल्य वृद्धि का एक हिस्सा ग्राहकों तक पहुंचाने में सक्षम रहीं। मई में जिस क्षेत्र में पर्याप्त सुधार हुआ, वह नए निर्यात ठेके थे, जिसमें बढ़ोतरी सितंबर 2014 में श्रृंखला की शुरुआत के बाद से सबसे तेज रही। सर्वेक्षण प्रतिभागियों ने यूरोप, पश्चिम एशिया, एशिया, अफ्रीका, और अमेरिका से मांग में मजबूत वृद्धि देखी। इस बीच एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स मई में गिरकर 60.5 हो गया जो अप्रैल में 61.5 था।
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