एक खत को सही पते पर पहुंचने में लग गए 54 Years
- खत लेने वाला शख्स भी पते पर नहीं था मौजूद
वाशिंगटन। एक खत कुल 54 साल के बाद उस पते पर पहुंचा, जहां उसे पहुंचना था। हालांकि तब उसे लेने वाला शख्स भी वहां मौजूद नहीं था। आज दुनिया तरक्की कर चुकी है और किसी से भी कोई बात कहनी हो तो मोबाइल फोन के ज़रिये ही काम हो जाता है।
हालांकि एक वक्त ऐसा भी था, जब सिर्फ चिट्ठी और पोस्टकार्ड ही लोगों का सहारा हुआ करते थे। चाहे शुभ समाचार हो या दुखद खबर डाकिया खत के ज़रिये ही लाया करता था। वैसे तो खत सही वक्त पर पहुंच भी जाया करते थे, लेकिन इस वक्त ऐसे पोस्टकार्ड की चर्चा हो रही है, जितने सही पते पर पहुंचने में 54 साल लगा दिए। जानकारी के मुताबिक जेसिका मीन्स नाम की महिला को एक पोस्टकार्ड मिला है। उसने बीते सोमवार को जैसे ही अपना मेलबॉक्स खोला, उसमें एक ऐसे शख्स से संबंधित पोस्टकार्ड मिला, जिसे मरे हुए 30 साल से भी ज्यादा वक्त हो गया है।
जेसिका के मुताबिक, ये पोस्टकार्ड साल 1969 में पेरिस से भेजा गया था, जो 54 साल बाद यानी 2023 में सही पते पर पहुंचा है। जेसिका इसे देखकर हैरान रह गई और उसे लगा कि ये किसी पड़ोसी के लिए है। हालांकि बाद में समझ आया कि ये पोस्टकार्ड उसके घर के मूल मालिक मिस्टर एंड मिसेज रेने ए गगनन के लिए था। इस रहस्यमय पोस्टकार्ड में लिखा था- ‘जब तक ये कार्ड आपको मिलेगा, मैं घर आ चुका होऊंगा, लेकिन इसे एफिल टॉवर से भेजना मुझे सही लगा, जहां पर अभी मैं मौजूद हूं। बहुत कुछ देखने का तो मौका नहीं मिला, लेकिन जितना देखा वो मज़ेदार है’।
इस कार्ड को जेसिका ने सोशल मीडिया पर डाल दिया है, जो काफी वायरल हो रहा है। इसे लोग एक-दूसरे को टैग कर रहे हैं, इस उम्मीद में कि शायद कोई शख्स इसे लिखने वाले को जानता हो। आपको लगता है दुनिया में सिर्फ अपने ही देश में सर्विसेज़ लेट होती हैं तो आप गलत हैं। विदेशों में भी कई बार इतनी देर से चीज़ें पहुंचती हैं कि उनका औचित्य ही खत्म हो जाए।
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