सफलता के लिए Karishma Tanna को करना पडा कठिन संघर्ष
मुंबई। टीवी और फिल्मों की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने वाली करिश्मा तन्ना को कठिन संघर्ष से गुजरना पडा। अभिनेत्रियों के लिए यहां अपनी जगह बनाना आसान नहीं होता। रंग, रूप, कद-काठी और उम्र जैसे पैमानों पर बार-बार परखा जाना आम बात है।अपनी लंबी हाइट की वजह से उन्हें कई टीवी सीरियल्स में रिजेक्शन झेलना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। 21 दिसंबर को जन्मीं करिश्मा तन्ना ने कभी यह नहीं सोचा था कि वह अभिनय की दुनिया में कदम रखेंगी। कॉलेज के दिनों में दोस्तों के कहने पर उन्होंने एक फोटोग्राफी सेशन में हिस्सा लिया। दोस्तों ने उनकी तस्वीरें अलग-अलग जगह भेज दीं और यहीं से उनकी जिंदगी ने नया मोड़ ले लिया। फोटोशूट और मॉडलिंग के ऑफर्स आने लगे और इसी दौरान उन्हें बालाजी टेलीफिल्म्स से फोन आया। खास बात यह रही कि सिर्फ एक कॉल के जरिए ही करिश्मा को उनका पहला टीवी शो मिल गया और पहली ही कोशिश में उनका चयन हो गया। करिश्मा तन्ना ने टीवी पर पहचान ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ से बनाई। इसके बाद वह साल 2003 में ‘कोई दिल में है’ में नजर आईं। साल 2005 में ‘एक लड़की अंजानी सी’ में उन्होंने निगेटिव रोल निभाकर दर्शकों का ध्यान खींचा।
इसके बाद ‘प्यार के दो नाम: एक राधा, एक श्याम’ जैसे शोज का हिस्सा रहीं। हालांकि, टीवी पर काम मिलने के बावजूद उन्हें ज्यादातर साइड रोल ही ऑफर होते रहे, जिससे वह संतुष्ट नहीं थीं और उन्होंने फिल्मों की तरफ रुख करने का फैसला किया। फिल्मी करियर भी उनके लिए आसान नहीं रहा। यहां भी उन्हें छोटे और सीमित रोल ही मिले। साल 2013 में रिलीज हुई ‘ग्रैंड मस्ती’ उनकी पहली फिल्म थी। इसके बाद वह ‘टीना एंड लोलो’ और रणबीर कपूर स्टारर ‘संजू’ में नजर आईं। ‘संजू’ उनके करियर की सबसे बड़ी और हिट फिल्मों में से एक साबित हुई, लेकिन इसके बावजूद उन्हें उम्मीद के मुताबिक काम नहीं मिला। फिल्म के बाद करीब एक साल तक वह घर पर बैठी रहीं और इस दौर में डिप्रेशन का शिकार हो गईं। करिश्मा ने खुद बताया था कि उन्होंने कई प्रोडक्शन हाउस से संपर्क किया, लेकिन हर जगह से निराशा ही हाथ लगी। इंडस्ट्री में उनके करीबी दोस्त भी नहीं थे, जिससे वह अपनी परेशानी किसी से साझा नहीं कर पाईं।
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