ओसीडी से जुड़े अनुभवों को साझा किया Kaveri Kapoor ने
मुंबई। हाल ही में अपने ऑब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर (ओसीडी) से जुड़े अनुभवों को साझा करके गायिका, गीतकार और अभिनेत्री कावेरी कपूर ने मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक साहसी पहल की है। उन्होंने बताया कि वह किस तरह इस मानसिक स्थिति से सालों से जूझ रही हैं और कैसे उन्होंने इसे संभालने के तरीके खुद ढूंढे हैं। कावेरी का यह खुलासा सिर्फ उनकी व्यक्तिगत यात्रा नहीं, बल्कि उन अनगिनत लोगों के लिए राहत की एक किरण बनकर आया है, जो चुपचाप ऐसे ही मानसिक संघर्षों का सामना कर रहे हैं। कावेरी ने बताया कि वह एक मुश्किल रात से गुजर रही थीं, जब उन्होंने यह पोस्ट लिखी। उन्होंने ओसीडी को लेकर फैली आम गलतफहमियों को तोड़ा और स्पष्ट किया कि यह केवल सफाई पसंद या चीज़ों को बार-बार जांचने की आदत नहीं है, बल्कि यह एक मानसिक स्थिति है जिसमें दिमाग में लगातार जबरन विचार आते हैं और इंसान को वे विचार दूर करने के लिए दोहराए गए व्यवहार करने पड़ते हैं।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भले ही उन्हें पता होता है कि उन्होंने लाइट या गीजर बंद कर दिया है, फिर भी उन्हें बार-बार यह जांचने की ज़रूरत महसूस होती है। अपनी पोस्ट में कावेरी ने यह भी बताया कि उन्होंने अपने ओसीडी को मैनेज करने के लिए एक अनोखा तरीका अपनाया है उन्होंने इसे बॉब नाम दिया है। इस तरीके से वह अपने विचारों को एक अलग पहचान देकर उनसे दूरी बना पाती हैं। जब भी मेरा ओसीडी उभरने लगता है, मैं कहती हूं लो, बॉब फिर से आ गया। इससे मुझे यह समझने में मदद मिलती है कि यह मेरे अपने विचार नहीं हैं, बल्कि किसी और की तरह हैं, जो हमेशा तर्कसंगत नहीं होता, उन्होंने लिखा। अपनी इस पोस्ट का अंत उन्होंने अपने नाइटटाइम सेल्फ-केयर रूटीन के ज़िक्र के साथ किया, जिसमें साउंड बाथ और खुद को शांत करने की कोशिशें शामिल हैं।
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