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NASA कर रहा सुपर स्टार समूह पर अध्ययन

NASA कर रहा सुपर स्टार समूह पर अध्ययन

वाशिंगटन। नासा के चंद्र एक्स-रे ऑब्जरवेटरी और नासा के दूसरे टेलीस्कोप से मिले नए डेटा के की मदद से पृथ्वी के सबसे बड़े और सबसे करीब सुपर स्टार समूह पर वैज्ञानिक अध्ययन कर रहे हैं। ग्रुप को वेस्टरलंड 1 नाम दिया गया है। इन अध्ययनों की मदद से खगोलविदों को तारों के निर्माण की प्रकिया को समझने में मदद मिलेगी। यह एक्सटेंडेड वेस्टरलंड 1 और 2 ओपन क्लस्टर सर्वे (इकोस्स) नाम की परियोजना से पहला सार्वजनिक रूप से जारी किया डाटा है। इकोस्स का नेतृत्व में इटली के पलेर्मो में स्थित एक संस्थान कर रही है। चंद्र ऑब्जरवेटरी ने इकोस्स के हिस्से के रूप में वेस्टरलंड 1 का लगभग 12 दिनों तक अध्ययन करने के बाद यह डाटा साझा किया है। नई तस्वीर में चंद्र का डाटा और नासा के हबल स्पेस टेलीस्कोप से पिछला डाटा शामिल है। चंद्र के एक्स-रे से क्लस्टर में नए तारे और गैसों का पता चलता है। युवा तारे ज़्यादातर सफ़ेद और गुलाबी रंग के दिखाई देते हैं, जबकि गर्म गैस गुलाबी, हरे और नीले रंग में दिखाई देती है।

हबल के डेटा में कई तारे पीले और नीले रंग के डॉट्स के रूप में दिखाई देते हैं। एक दिलचस्प खोज यह है कि वेस्टरलंड 1 के केंद्र में चार प्रकाश वर्ष के दायरे में 1,075 तारे हैं। खगोलविदों का मानना है कि यह क्लस्टर के गठन और विकास को समझने और इसके मास का बेहतर अनुमान लगाने के लिए जरूरी है। क्या होते हैं सुपर स्टार क्लस्टर? वर्तमान में, हमारी गैलेक्सी में हर साल केवल कुछ ही तारे बनते हैं। हालाँकि, अतीत की बात करे तब मिल्की-वे लगभग 10 बिलियन साल अपने चरम पर था जब यहां हर साल दर्जनों या सैकड़ों तारे बनते थे। इसमें से ज़्यादातर घटनाएं विशाल क्लस्टर्स में हुईं, जिन्हें सुपर स्टार क्लस्टर के नाम से जाना जाता है। इन्हीं में से एक को वेस्टरलंड 1 नाम दिया गया है। ये क्लस्टर औरों की तुलना में नए हैं और इनका वजन सूरज के वजन से 10,000 गुना ज़्यादा है। वेस्टरलंड 1, 3 मिलियन से 5 मिलियन साल पुराना है। वेस्टरलंड 1 मिल्की वे में बचा हुआ सबसे बड़ा सुपर स्टार क्लस्टर है। यह पृथ्वी से सबसे करीबी, लगभग 13,000 प्रकाश वर्ष दूर है।

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