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  • Friday, 24 October 2025
संयुक्त राष्ट्र महासभा में Netanyahu का हुआ विरोध, कुछ सदस्यों ने किया वॉकआउट

संयुक्त राष्ट्र महासभा में Netanyahu का हुआ विरोध, कुछ सदस्यों ने किया वॉकआउट

न्यूयॉर्क। इजरायल पर लगातार आरोप लग रहे हैं कि गाजा में आम लोगों को मारा जा रहा है। इसी के चलते इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को संयुक्त राष्ट्र महासभा में दिए गए अपने भाषण के दौरान भारी विरोध और वॉकआउट का सामना करना पड़ा। गाजा पर जारी हमलों को अंत तक ले जाने की प्रतिबद्धता जताते हुए उन्होंने कहा कि इजरायल को हमास के खिलाफ काम पूरा करना ही होगा।हालांकि नेतन्याहू के भाषण के दौरान सभागार में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं- कुछ प्रतिनिधियों ने तालियां बजाईं तो कई सदस्य विरोध के चलते बाहर चले गए। नेतन्याहू ने संयुक्त राष्ट्र में अपने पिछले भाषणों की तरह इस बार भी विजुअल एड्स का इस्तेमाल किया। उन्होंने एक नक्शा दिखाया, जिसका शीर्षक था द कर्स जो इजरायल के पड़ोस में उसकी चुनौतियों को दर्शाता था। उन्होंने इसे मार्कर से चिह्नित किया। इसके अलावा, उन्होंने एक पिन पहना था, जिसमें 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले और इजरायली बंधकों के बारे में जानकारी देने वाले वेबसाइट का क्यूआर कोड था।अपने भाषण में नेतन्याहू ने दावा किया कि उनका भाषण गाजा में लगे लाउडस्पीकर्स के जरिए और अभूतपूर्व अभियान के तहत लोगों के मोबाइल फोन पर भी प्रसारित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, हमने आपको एक सेकंड के लिए भी नहीं भुलाया। इजरायल की जनता आपके साथ है। हमास को संबोधित करते हुए उन्होंने चेतावनी दी, अपने हथियार डाल दो। मेरे लोगों को जाने दो।

अगर ऐसा करोगे तो बचोगे, वरना इजरायल तुम्हें ढूंढ-ढूंढकर मारेगा। नेतन्याहू ने पश्चिमी देशों की आलोचना की और कहा कि कुछ पश्चिमी नेता दबाव में झुक गए हैं, लेकिन इजरायल झुकेगा नहीं। उन्होंने उन देशों के फैसले को शर्मनाक बताया जिन्होंने फिलिस्तीन को देश का दर्जा दिया है। उनके अनुसार, यह निर्णय आतंकवाद को बढ़ावा देगा और निर्दोषों के खिलाफ हिंसा को प्रोत्साहित करेगा। हॉल में खाली पड़ी रहीं कुर्सियां भाषण शुरू होने से पहले ही कई से अधिक देशों के सैकड़ों राजनयिकों ने सभागार को खाली कर दिया। जिससे नेतन्याहू को लगभग खाली हॉल में बोलना पड़ा। यह घटना इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष के बीच वैश्विक अलगाव को उजागर करती है, जहां पश्चिमी देशों द्वारा फिलिस्तीनी देश को मान्यता देने का निर्णय नेतन्याहू के लिए नया झटका साबित हुआ। अमेरिका और ब्रिटेन के लिए आवंटित सीटों पर वरिष्ठ राजदूतों या अधिकारियों के बजाय निम्न-स्तरीय कूटनीतिज्ञ मौजूद थे। कई सीटें खाली थीं, और ईरान की खाली कुर्सियों के पास उन बच्चों की तस्वीरें रखी गई थीं, जिनके बारे में तेहरान ने दावा किया कि वे जून में इजरायल के युद्ध के दौरान मारे गए थे। हॉल में अस्पष्ट नारे गूंज रहे थे, जबकि गैलरी में मौजूद समर्थकों से तालियां भी मिलीं। कुछ प्रतिनिधियों ने फिलिस्तीनी केफिया (सिर पर बांधा जाने वाला पारंपरिक कपड़ा) पहन रखा था।

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