
शनाया के समर्पण ने तोड़ा नेपोटिज्म का स्टीरियोटाइप: Vikrant
मुंबई। बालीवुड फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां’ में शनाया कपूर के साथ काम करने वाले अभिनेता विक्रांत मैसी ने फिल्म के प्रति उनके समर्पण को नेपोटिज्म जैसे स्टीरियोटाइप को तोड़ने वाला बताया। हाल ही में एक इंटरव्यू में विक्रांत ने कहा कि उन्होंने उनसे बहुत कुछ सीखा लेकिन सबसे ज्यादा उनकी ईमानदारी और समर्पण ने उन्हें प्रभावित किया। विक्रांत ने कहा कि शनाया जिस इंटेनसिटी और ईमानदारी के साथ इस फिल्म में उतरीं, वह उनके लिए बेहद प्रेरक और मार्मिक था। उन्होंने माना कि यह सच है कि शनाया एक फिल्मी परिवार से आती हैं और लोगों के मन में उनके प्रति यह धारणा बनी हुई है कि उनके पास विशेषाधिकार है, लेकिन उन्होंने खुद ऐसा कुछ भी महसूस नहीं किया। विक्रांत ने बताया कि शनाया हर दिन सेट पर मौजूद रहती थीं और इस प्रोजेक्ट के लिए पूरी तरह से समर्पित थीं। वह अच्छी तरह से तैयारी करके आती थीं और उनका यह कमिटमेंट बेहद प्रेरणादायक था।
उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं शनाया इस समर्पण को लंबे समय तक बनाए रखें क्योंकि उनके मुताबिक अच्छे और महान के बीच केवल एक बारीक फर्क होता है और शनाया में वह सारे गुण हैं जो उन्हें इस इंडस्ट्री में आगे ले जा सकते हैं। विक्रांत ने यह भी कहा कि शनाया कैमरे के सामने जब होती हैं तो उस पल को पूरी गंभीरता से लेती हैं और यह उनके प्रदर्शन में साफ झलकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जब दर्शक फिल्म देखेंगे तो उन्हें भी यही महसूस होगा कि शनाया ने इस मौके को हल्के में नहीं लिया। फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां’ से शनाया कपूर अपने अभिनय करियर की शुरुआत करने जा रही हैं। यह फिल्म 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी। रस्किन बॉन्ड की चर्चित कहानी ‘द आइज हैव इट’ से प्रेरित इस फिल्म में शनाया एक थिएटर कलाकार की भूमिका निभा रही हैं जबकि विक्रांत मैसी एक दृष्टिहीन संगीतकार के किरदार में नजर आएंगे।
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