कुछ सेकंड के पल को गलत तरीके से पेश किया गया: Ishita Arun
मुंबई। ‘एड गुरु’ के नाम से मशहूर पीयूष पांडे का बीते 23 अक्टूबर को निधन हो गया। पीयूष पांडे के अंतिम संस्कार का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसमें उनकी भतीजी और अभिनेत्री इशिता अरुण मुस्कुराती नजर आईं। इसी वजह से कुछ यूजर्स ने उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया। ट्रोल्स के बढ़ते हमलों के बीच अब इशिता अरुण ने चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने 26 अक्टूबर को अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी पर कई नोट्स साझा किए, जिनमें उन्होंने उन लोगों को कड़ा जवाब दिया जो अंतिम संस्कार में उनके मुस्कुराने को “अपमानजनक” बता रहे थे। इशिता ने लिखा, “दुःख कोई स्क्रिप्ट नहीं होता। जब आप किसी ऐसे व्यक्ति को अलविदा कहते हैं जो दूसरों से ज्यादा हंसा हो, तो उसे मुस्कान के साथ याद करना कोई अनादर नहीं है। यह निरंतरता है, यह यादों की मांसपेशियों की प्रतिक्रिया है, यह जानना है कि वह वास्तव में कौन था।” उन्होंने आगे लिखा कि कुछ सेकंड के उस पल को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने कहा, “अगर लोग उन्हें सच में जानते होते, तो किसी स्पष्टीकरण की जरूरत ही नहीं पड़ती। जो लोग अपनी खाली ज़िंदगी से वक्त निकालकर एक क्षण को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं, उन्हें समझना चाहिए कि हम उनकी कही किसी मजेदार बात पर मुस्कुरा रहे थे। वो केवल वही कह सकते थे जो हमें उस पल में याद आया।” इशिता ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका मुस्कुराना किसी अनादर का प्रतीक नहीं था, बल्कि पीयूष पांडे की जीवंत और खुशमिजाज शख्सियत को याद करने का तरीका था। उन्होंने लिखा, “जो व्यक्ति अपने पूरे जीवन में लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाया, उसे मुस्कान के साथ विदा करना ही सही श्रद्धांजलि है।” गौरतलब है कि पीयूष पांडे भारतीय विज्ञापन उद्योग के सबसे सम्मानित नामों में से एक थे।
उन्होंने फेविकोल का “अटूट बंधन”, कैडबरी डेयरी मिल्क का “कुछ खास है”, एशियन पेंट्स का “हर खुशी में रंग लाए” और हच का “गुगली वूगली वूस” जैसे यादगार विज्ञापन बनाए, जो आज भी लोगों की यादों में बसे हैं। उनके निधन के बाद देशभर के विज्ञापन पेशेवरों, कलाकारों और प्रशंसकों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। वहीं, इशिता अरुण के इन शब्दों ने यह संदेश दिया कि किसी को मुस्कान के साथ याद करना भी एक सच्ची श्रद्धांजलि का रूप हो सकता है खासकर जब वह व्यक्ति खुद जीवनभर मुस्कुराने और दूसरों को मुस्कुराने की वजह रहा हो। बता दें कि पीयूष पांडे ने 70 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से विज्ञापन जगत ही नहीं, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री और उनके चाहने वालों को भी गहरा झटका लगा। देशभर में उनके योगदान को याद करते हुए लोग सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दे रहे हैं।
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