Singapore में आठ दिनों में दी गई तीसरी मौत की सजा, पूर्व में एक महिला को दी गई फांसी
- ड्रग्स की तस्करी के खिलाफ कठोर सजा का प्रावधान
सिंगापुरी सिटी। सिंगापुर ने 54 ग्राम हेरोइन की तस्करी के आरोप में एक कैदी को फांसी दे दी है। पिछले आठ दिनों में दी गई तीसरी मौत की सजा है। इस तरह की सजाओं को रोकने की कई मांगों के बावजूद हालिया मृत्युदंड दिया गया। कुछ दिनों पहले ही 19 वर्षों में पहली बार किसी महिला को फांसी देने की घटना सामने आई थी। 39 साल के मोहम्मद शालेह अब्दुल लतीफ को चांगी जेल में फांसी दे दी गई। देश के सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो ने कहा कि लतीफ को कानून के तहत उचित सजा दी गई।
ब्यूरो ने कहा कि तस्करी की गई हेरोइन की मात्रा 1.9 औंस या 53.86 ग्राम एक हफ्ते के लिए लगभग 640 नशेड़ियों के लिए पर्याप्त थी। शख्स को 2016 में गिरफ्तार किया गया था जब वह डिलीवरी ड्राइवर के रूप में काम कर रहा था। 2019 में लतीफ को मौत की सजा सुनाई गई थी और उसकी अपील पिछले साल खारिज हुई थी। हालांकि अब्दुल सिर्फ एक डिलीवरी ड्राइवर थे लेकिन कोर्ट ने कहा कि उन्हें प्रोसेक्यूटर्स के साथ सहयोग नहीं करने के लिए मौत की सजा दी गई थी। सिंगापुर के कानूनों के तहत, जिनमें ड्रग्स की तस्करी के खिलाफ कठोर सजा का प्रावधान है, 500 ग्राम (17.6 औंस) कैनेबीज (भांग) और 15 ग्राम (0.5 औंस) हेरोइन से अधिक की तस्करी के लिए किसी को भी मौत की सजा दी जा सकती है।
यह पिछले साल मार्च में कोविड महामारी के कारण दो साल बाद दोबारा शुरू हुए मृत्युदंड के बाद ड्रग्स से जुड़े अपराधों में 16वीं फांसी है। 2020 में कोविड महामारी के दौरान फांसी की सजा पर रोक लगा दी गई थी। 2022 में सिंगापुर ने एक बौद्धिक रूप से अक्षम और मानसिक रूप से बीमार शख्स नागेंथ्रान धर्मलिंगम को फांसी देकर दुबारा अपने कठोर कानून की शुरुआत की। जीरो-टॉलरेंस की नीति को अपनाते हुए, सिंगापुर नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों को सबसे गंभीर अपराध मानता है। प्रशासन का दावा है कि मृत्युदंड ड्रग्स तस्करी को रोक सकता है और ज्यादातर नागरिक मृत्युदंड का समर्थन करते हैं। हालांकि देश के कार्यकर्ता और वकील इस दावे पर सवाल उठाते हैं।
Tags
Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!