Ukraine-Russia war तीसरे साल में, अब तक एक लाख से अधिक सैनिकों की मौत, यूक्रेन बोला जंग हारे तो तीसरा विश्व युद्ध होगा
-दुनिया का सिक्योरिटी सिस्टम तबाह हो जाएगा; रूस के मिसाइल हमले में 17 की मौत
कीव। रूस और यूक्रेन का युद्ध अपने तीसरे साल में पहुंच गया है। यूक्रेन के हथियार और सैनिक दिन पर दिन कम होते जा रहे हैं। अब तक इस युद्ध में दोनों तरफ के एक लाख से अधिक सैनिक मारे गए हैं। यूक्रेन के प्रधानमंत्री डेनिस शमिहाल ने कहा है कि अगर यूक्रेन रूस से जंग हारता है, तो दुनिया में विश्व युद्ध हो जाएगा।
यह पहली बार नहीं है, जब यूक्रेन ने दुनिया को तीसरे वल्र्ड वॉर की चेतावनी दी है। पिछले साल यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी तीसरे विश्व युद्ध को लेकर धमकी दे चुके हैं। जेलेंस्की ने कहा था कि अगर रूस जीतता है, तो वो पोलैंड पर हमला करेगा, जिससे तीसरे विश्व युद्ध होने के आशंका है। हालांकि रूस ने इस बयान को सिरे से खारिज कर दिया था। रूसी राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के बाद ईस्टर्न यूरोप पर हमला करने के दावे को बकवास बता चुके हैं। यूक्रेन-रूस जंग में अब तक 50 हजार से ज्यादा रूसी सैनिकों की मौत हुई है। वहीं यूक्रेन ने जंग के दूसरे साल में 27 हजार 300 सैनिकों को गंवाया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि मरने वालों का आंकड़ा बड़ा हो सकता है। इससे पहले फरवरी में राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की भी यूक्रेनी सैनिकों की मौत का आंकड़ा बता चुके हैं। जेलेंस्की के मुताबिक युद्ध में अब तक सिर्फ 31 हजार यूक्रेनी सैनिकों ने जान गंवाई है। हालांकि अमेरिकी खुफिया जानकारी के मुताबिक यूक्रेन के 70 हजार से ज्यादा सैनिकों की मौत हुई हैं।
यूक्रेन को आर्थिक मदद का फैसला कल
यूक्रेनी प्रधानमंत्री ने अमेरिकी कांग्रेस से आर्थिक मदद से जुड़ा बिल पास करने का आग्रह किया है। शमिहाल ने कहा कि हमें युद्ध लडऩे के लिए आज आर्थिक मदद की जरूरत है, कल या परसो नहीं। अगर हम मिलकर यूक्रेन की सुरक्षा नहीं करेंगे तो यूक्रेन हार जाएगा। इससे दुनिया की सुरक्षा से जुड़ा ढांचा तबाह हो जाएगा। कई जगहों पर युद्ध छिड़ जाएंगे और तीसरे विश्व युद्ध होने की नौबत आ जाएगी। दरअसल, अमेरिका में शनिवार को यूक्रेन के लिए आर्थिक मदद से जुड़े बिल पर वोटिंग होने वाली है। इसमें यूक्रेन को 5.09 लाख करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देने की बात है। बिल के प्रपोजल में यूक्रेन के अलावा इजराइल और इंडो-पैसेफिक देशों का भी नाम है। हालांकि कुछ अमेरिकी सांसद यूक्रेन को भेजी जाने वाली आर्थिक मदद का विरोध कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस पैसे का इस्तेमाल अमेरिका-मेक्सिको बॉर्डर मजबूत करने के लिए किया जाना चाहिए। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि वे कांग्रेस से बिल पास होने के तुरंत बाद इसे साइन कर देंगे, जिससे दुनिया में यह मैसेज जाए कि अमेरिका अपने दोस्तों के साथ हमेशा खड़ा रहता है।
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