
समाज में मां को देखने का नजरिया बदला: Kajol
मुंबई। हाल ही में अभिनेत्री काजोल ने बॉलीवुड में मां के किरदारों के बदलते स्वरूप पर बेबाकी से बात की। एक्ट्रेस काजोल का मानना है कि सिनेमा में मां की छवि उसी तरह बदली है जैसे समाज में मां को देखने का नजरिया बदला है। काजोल ने कहा कि पहले निरूपा रॉय और नरगिस जैसे आदर्शवादी और बलिदानी मां के किरदार थे, लेकिन अब मां को उसके मजबूत और कमजोर दोनों रूपों में दिखाया जाता है। मीडिया से चर्चा में काजोल ने कहा, “बॉलीवुड की मांएं समाज के साथ-साथ बदली हैं। जिस तरह हम असल जिंदगी में मां को देखते हैं, वही पर्दे पर भी दिखता है। मां हमेशा से मजबूत रही हैं। ‘मदर इंडिया’ जैसी फिल्में बहुत पहले बन चुकी थीं, जब हम ‘मां’ जैसी फिल्म के बारे में सोच भी नहीं सकते थे।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मां की ताकत के साथ उसकी कोमलता और नारीत्व भी उतना ही जरूरी है। काजोल के मुताबिक, पहले भी मां मजबूत थीं लेकिन अब एक ऐसी मां को स्वीकार किया जा रहा है जो गलतियां कर सकती है, जो परफेक्ट नहीं है। उन्होंने कहा, “वह सुपरवुमन हो सकती है लेकिन साथ ही कोमल और नारीवादी भी है।
पहले हमने मां को आदर्श के पेडेस्टल पर रखा, अब उसे इंसान की तरह देखा जा रहा है।” इस सवाल पर कि क्या आज की फिल्मों में मां को स्वार्थी, उग्र या कमजोर भी दिखाया जा सकता है, काजोल ने कहा कि यह बदलाव तभी मुमकिन है जब महिलाएं खुद को और दूसरी महिलाओं को उनकी कमियों के साथ स्वीकार करना सीखें। उन्होंने कहा, “यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम एक-दूसरे को कैसे देखते हैं। क्या हम छोटी-छोटी कमियों के लिए माफ कर पाते हैं? जैसे अगर आप अपने बच्चे का स्कूल प्ले मिस कर दें क्योंकि आप काम पर हैं, तो क्या यह कमजोरी है? या यह इंसानी हालात का हिस्सा है?” काजोल का मानना है कि फिल्मों में मां के किरदार को और ज्यादा मानवीय और वास्तविक बनाने की जरूरत है।
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