Sea में 1 किमी लंबी पाषाण कालीन दिवार मिली
दीवार में लगे हुए है लगभग 1,700 पत्थर
वॉशिंगटन। शोधकर्ता वैज्ञानिकों को बाल्टिक सागर के तट से 21 मीटर नीचे 1 किलोमीटर लंबी पाषाण कालीन दिवार मिली है। वैज्ञानिकों को यह दिवार जर्मनी के पास समुद्र में मिली है। इसके बारे में बताया जा रहा है कि यह 11,000 साल पहले इंसानों द्वारा बनाया गया होगा। इस दिवार को ब्लिंकरवॉल भी कहा जाता है। दीवार में लगभग 1,700 पत्थर लगे हुए हैं। शोध में पता चला है कि इसे इंसानों ने जानवरों के शिकार के लिए बनाया होगा।यह खोज संयोग मात्र थी। 2021 में शोधकर्ता सोनार (समंदर की गहराई मापने वाला यंत्र) से समुद्र तल की गहराई का मानचित्रण कर रहे थे।जब उनकी टीम पानी में नीचे अपने कैमरों के साथ साइट पर पहुंची तो वहां पर उनको अजीब उभार दिखाई दिया।लीबनिज इंस्टीट्यूट फॉर बाल्टिक सी रिसर्च वार्नम्यूंडे, जर्मनी के स्टूडेंट भूभौतिकीविद् जैकब गेर्सन के साथ ट्रेनिंग के दौरान समुंद्र की गहराई माप रहे थे।गेर्सन ने बाताया कि ‘जब हमें चट्टानें मिलीं, तो मुझे एहसास हुआ कि चट्टानों को एक साथ रखने की प्रक्रिया संभवतः एक प्राकृतिक नहीं थी.’ उन्होंने कहा कि साल 2022 में उस साइट पर दोबारा पहुंचे।वहां पर हमें पत्थरों की पंक्तियां मिलीं। इसके बाद हमने पुरातत्वविदों से संपर्क किया तभी हमें समझ आया कि यह कुछ महत्वपूर्ण खोज हो सकता है।गेर्सन ने आगे बताया कि यह संभवतः पाषाण काल में इंसानों द्वारा जानवरों के शिकार के लिए बनाई गई संरचना हो सकती है।
यह जानवरों के पीछा करने और उनकी शिकार के दौरान उनकी इन संरचनाओं का अनुसरण करते होंगे।वहीं इस खोज में मिली दूसरी दिवार, झील के पास आर्टिफिशियल बैरियर हो सकती है।इसके एक तरफ झील बीच में थोड़े से गैप के बाद बैरियर।जानवरों का पीछा करते समय बैरियर के और झील वाले हिस्सों में जानवर होते होंगे और दूसरी ओर शिकारी इंसान होते होंगे। एक नई चित्र, जो उस समय के इस दिवार के आधार पर बनाई गई है उसे आपको दिखा रहे हैं- गेर्सन की टीम के एक अन्य सदस्य मार्सेल ब्रैडमोलर, जो कि जर्मनी के रोस्टॉक विश्वविद्यालय में पुरातत्वविद् भी हैं, ने कहा कि इस जगह पर पानी के इतना नीचे आधुनिक संरचना के निर्माण का कोई कारण या सबूत भी नहीं है।वहीं, प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में लिखा है कि ब्लिंकरवॉल के साथ-साथ चलने वाली दूसरी दीवार समुद्र तल के तलछट में दबी हो सकती है।शोधकर्ताओं ने कहा कि, ‘10000 साल पहले, पाषाण काल में शिकरियों या संग्रहकर्ताओं के द्वारा बनाया गया होगा।
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