फ्रांसीसी लोगों के गुस्से का शिकार हो रहे अर्जेंटीना के खिलाड़ी
पेरिस। पेरिस ओलंपिक में लोग अर्जेंटीना के खिलाड़ियों पर निशाना साधने का कोई अवसर नहीं छोड़ रहे हैं। इससे दोनो देशों के बीच तनाव की स्थिति भी बन सकती है। इसके बाद आयोजकों ने स्थानीय लोगों से कहा है कि इस प्रकार का व्यवहार न करें। इसका कारण फुटबॉल, नस्लवाद और सामाजिक परिवर्तन को कारण बताया गया है। हालात इतने खराब हैं कि अर्जेंटीना के खिलाड़ियों को अपनी फुटबॉल टीम के लिए प्रशंसक तक नहीं मिल रहे। राष्ट्रगान के दौरान भी अर्जेंटीना की रग्बी 7एस टीम (प्यूमास) की जमकर आलोचना हुई थी। इससे प्यूमास के कप्तान गैस्टन रिवोल भी निराश दिखे। रिवोल ने कहा, मैं इस प्रकार के व्यवहार के लिए तैयार नहीं था। भीड़ प्यूमास पर अपना गुस्सा जाहिर कर रही थी पर वास्तव में ये अर्जेंटीना की फुटबॉल टीम के खिलाफ ही था। इसका कारण है है लियोनल मेसी, एंजेल डी मारिया और एंजो फर्नांडीज की अर्जेंटीनाई फुटबॉल टीम ने विश्वकप में फ्रांस को हराया था।
हाल ही में अर्जेंटीना कोपा अमेरिका में भी विजेता रही। कोपा अमेरिका की जीत के बाद आरोप है कि एंजो फर्नांडीज ने बस में एक नस्लवादी गाना गाया, जिसमें मुख्य रूप से अफ्रीकी मूल के खिलाड़ियों को रखने के लिए फ्रांसीसी फुटबॉल टीम का मजाक उड़ाया गया था। विविधता से भरे शहर में फुटबॉल खेलने वाले एक खिलाड़ी का यह व्यवहार सभी को हैरानल करने वाला था हालांकि बाद में इसके लिए फर्नांडीज ने माफी मांगी थी पर फ्रांस के लाखों अश्वेत इससे नाराज थे ओर जैस ही अर्जेंटीना के खिलाफ पेरिस पहुंचे उनका विरोध शुरु हो गया। अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली ने भी इस मामले में स्थिति साफ करने के लिए फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों से मुलाकात की। वहीं कई लोग इस आक्रोश को उत्तर और दक्षिण की ऐतिहासिक प्रतिद्वंद्विता, अधिकार और नजरिए के अंतर के रूप में देख रहे हैं। कुछ पुराने विडियो सामने आए जिसमें 2018 फुटबॉल विश्व कप जीतने के बाद फ्रांस की टीम मेसी का मजाक उड़ाते हुए दिखाई दे रही थी।
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