European Union ने एक्स पर लगाया 140 मिलियन डॉलर का जुर्माना, मस्क का गुस्सा फूटा
वॉशिंगटन। यूरोपीय संघ ने अरबपति एलन मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर डिजिटल सर्विसेज एक्ट (डीएसए) के उल्लंघन के लिए 120 मिलियन यूरो (लगभग 140 मिलियन डॉलर) का भारी जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना यूरोपीय आयोग द्वारा एक्स के खिलाफ पारदर्शिता और कंटेंट मॉडरेशन संबंधी नियमों के पालन न करने के कारण लगाया गया है। इस कदम से अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच तनाव बढ़ गया है, जहां ट्रंप प्रशासन ने इसे अमेरिकी फ्री स्पीच पर हमला करार दिया है। आयोग की दो साल की जांच में पाया गया कि एक्स ने ब्लू टिक वेरिफिकेशन सिस्टम को भ्रामक तरीके से डिजाइन किया, जिससे उपयोगकर्ताओं को गुमराह किया गया। पहले ट्विटर पर ब्लू टिक केवल प्रभावशाली व्यक्तियों जैसे सेलेब्रिटी, राजनेता और पॉप फिगर के लिए आरक्षित था, लेकिन मस्क के अधिग्रहण के बाद इसे सब्सक्रिप्शन मॉडल से जोड़ दिया गया, जो यूरोपीय नियमों का उल्लंघन था। इसके अलावा, प्लेटफॉर्म ने विज्ञापनों की जानकारी पर्याप्त पारदर्शी तरीके से नहीं साझा की और शोधकर्ताओं को पब्लिक डेटा तक पहुंच प्रदान करने में विफल रहा। आयोग ने कहा, उपभोक्ताओं को धोखा देना, विज्ञापनों की जानकारी छिपाना और शोधकर्ताओं को रोकना यूरोपीय संघ में स्वीकार्य नहीं है। जुर्माने के ऐलान के तुरंत बाद मस्क ने एक्स पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने आयोग के पोस्ट पर जवाब देते हुए इसे बुलशिट कहा। मस्क ने अपने 230 मिलियन फॉलोअर्स से कहा, ईयू को खत्म देना चाहिए और संप्रभुता अलग-अलग देशों को वापस मिलनी चाहिए, ताकि सरकारें अपने लोगों का बेहतर प्रतिनिधित्व कर सकें। जब एक यूजर ने उनके बयान को रीपोस्ट किया, तो मस्क ने स्पष्ट किया, मैं सच कह रहा हूं। मजाक नहीं कर रहा। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा, मुझे यूरोप पसंद है, लेकिन ईयू जैसा नौकरशाही वाला राक्षस नहीं।
मस्क ने आगे कहा कि यह जुर्माना न केवल एक्स पर, बल्कि उन पर व्यक्तिगत रूप से लगाया गया है, इसलिए प्रतिक्रिया व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार अधिकारियों पर भी होनी चाहिए। ट्रंप प्रशासन ने भी इसकी कड़ी निंदा की। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने एक्स पर पोस्ट किया, यह जुर्माना न केवल एक्स पर, बल्कि सभी अमेरिकी टेक प्लेटफॉर्म्स और अमेरिकी लोगों पर विदेशी सरकारों का हमला है। अमेरिकियों को ऑनलाइन सेंसर करने के दिन खत्म हो गए। मस्क ने रुबियो के बयान को रीपोस्ट करते हुए पूर्णतः सहमत कहा। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इसे अमेरिकी कंपनियों पर हमला बताया, जबकि वाणिज्य मंत्री हॉवर्ड लुटनिक और एफसीसी चेयर ब्रेंडन कार ने यूरोपीय संघ की दमनकारी नीतियों की आलोचना की। सीनेटर टेड क्रूज ने इसे अमेरिकी नौकरियों और फ्री स्पीच पर हमला करार देते हुए ट्रंप से प्रतिबंध लगाने की मांग की। यह जुर्माना डीएसए के तहत एक्स के खिलाफ पहला आर्थिक दंड है, जो 2022 में लागू हुआ कानून है। एक्स को 60 दिनों में ब्लू टिक मुद्दे का समाधान बताना होगा, जबकि विज्ञापन और डेटा एक्सेस के लिए 90 दिन का समय दिया गया है। अनुपालन न करने पर और जुर्माना लग सकता है। मस्क को फैसले के खिलाफ अपील का अधिकार है, जो लंबी कानूनी लड़ाई का रूप ले सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला यूरोपीय संघ की टेक कंपनियों पर सख्ती का परीक्षण बनेगा, खासकर अमेरिकी फ्री स्पीच बहस के बीच।
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