पाबंदी के बाद भी 3 साल से कम पुरानी Companies ने खरीदे 100 करोड़ के बांड
शैल कंपनियों ने भी दिया करोड़ों रुपए का चंदा
नई दिल्ली। चुनावी बांड को लेकर रोजाना नई-नई जानकारियां निकलकर आ रही हैं। जिसमें कानून का उलघंन करते हुए राजनीतिक दलों को चंदा दिया है। चुनावी बांड कानून में कोई नई कंपनी 3 साल तक चंदा नहीं देने का प्रतिबंध था। इसके बाद भी 3 साल से कम पुरानी 20 कंपनियों ने राजनीतिक दलों को 103 करोड रुपए के चुनावी बांड खरीद कर दे दिए। उन कंपनियों को इनकम टैक्स से छूट भी मिली। यह सीधे-सीधे नियमों का उल्लंघन है। कई शेल कंपनियों ने भी चुनावी बांड खरीद कर चंदा दिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जब यह जानकारी उजागर हुई। उसके बाद जांच में जो बातें सामने आ रही है।
वह हैरान करने वाली हैं। वर्ष 2022 से लेकर वर्ष 2024 के बीच में लगभग 55 कंपनियों ने चुनावी बांड खरीद कर राजनीतिक दलों को चंदा देने के मामले में कानून का उल्लंघन किया है। कोरोना काल में जब सारे काम धंधे बंद थे। उस समय इन कंपनियों ने भारी चंदा दिया है। बांड़ की जानकारी उजागर होने के बाद आयकर विभाग और स्टेट बैंक आफ इंडिया की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है। जो कंपनियां घाटे में चल रही थी, उन्होंने चंदा दिया। इनकम टैक्स से उन्हें भी छूट मिल गई। जबकि नियमों में घाटे वाली किसी भी कंपनी द्वारा चंदा देने पर प्रतिबंध है। आयकर विभाग ने भी नियमों की अनदेखी की है। चुनावी चंदा के इस खेल ने सभी को हैरान करके रख दिया है। विशेष रूप से शैल कंपनियों, जिनका कोई पता नहीं है। उन्होंने भी करोड़ों रुपए के चंदे दिए हैं। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय ईड़ी की भूमिका भी चुनावी बांड की जानकारी उजागर होने के बाद संदेह के घेरे में आ गई है।
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