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  • Wednesday, 24 December 2025
भ्रष्टाचार मामले में Former PM Imran Khan और पत्नी बुशरा को 17-17 साल की सजा

भ्रष्टाचार मामले में Former PM Imran Khan और पत्नी बुशरा को 17-17 साल की सजा

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की कानूनी परेशानियां पिछले डेढ़ साल से लगातार बढ़ती जा रही हैं। उन्हें पहली बार 9 मई 2023 को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद अगस्त 2023 में तोशाखाना मामले में उनकी दूसरी गिरफ्तारी हुई। तब से वे कई मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं और अलग-अलग अदालतों में सुनवाई चल रही है। ताजा फैसला उनके खिलाफ चल रहे मामलों की कड़ी में एक अहम मोड़ माना जा रहा है। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और क्रिकेट विश्व कप विजेता कप्तान इमरान खान को भ्रष्टाचार के एक गंभीर मामले में अदालत ने 17 साल की सजा सुनाई है। इसी मामले में उनकी पत्नी बुशरा बीबी को भी समान सजा दी गई है। यह फैसला ऐसे समय आया है जब उनके जेल में कथित अमानवीय व्यवहार को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठ रहे हैं और पाकिस्तान सरकार पर दबाव बढ़ रहा है। सजा के समय पाकिस्तान में उनके जेल में रखे जाने के तरीके पर भी विवाद है। समर्थकों और पार्टी नेताओं का आरोप है कि इमरान खान को लंबे समय से एकांत कारावास में रखा गया और उन्हें बुनियादी सुविधाएं भी नहीं दी जा रही हैं। इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता जताई है।

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान सरकार से अपील की थी कि उन्हें एकांत कारावास से बाहर निकाला जाए। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने अदालत के फैसले को राजनीतिक बदले की कार्रवाई बताया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि मौजूदा सत्ता प्रतिष्ठान न्यायिक प्रक्रिया का इस्तेमाल करके इमरान खान को राजनीति से बाहर करने की कोशिश कर रहा है। उनका यह भी दावा है कि यह फैसला निष्पक्ष नहीं है और इसे उच्च अदालतों में चुनौती दी जाएगी। वहीं, पाकिस्तान सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। सरकार का कहना है कि देश में कानून अपना काम कर रहा है और अदालतों के फैसलों में किसी तरह का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है। भ्रष्टाचार के मामलों में किसी के साथ कोई रियायत नहीं की जाती, चाहे वह कितना ही बड़ा नेता क्यों न हो। इस फैसले के बाद पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर उथल-पुथल तेज होने के संकेत मिल रहे हैं। इमरान खान के समर्थकों में नाराजगी बढ़ने की संभावना है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी पाकिस्तान की न्यायिक और मानवाधिकार स्थिति पर बहस तेज हो सकती है।

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