Gaza हुआ तबाह, 50 हजार से अधिक लोगों की हुई मौत, जंग फिर भी जारी
गाजा। हमास और इजरायल के बीच जारी जंग में अब तक 50 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं। फिलिस्तीन का गाजा शहर पूरी तरह तबाह हो गया है। गाजा पर हमास का शासन है। इजरायली हमले में हमास के तमाम बड़े नेता और हजारों लड़ाके मौत की नींद सो चुके हैं। आम लोगों को भी बड़ी तबाही झेलनी पड़ी है। इस बीच अब गाजा की फिजा में चैन की बायर बहती दिख रही है। दरअसल, हमास-इजरायल के बीच जारी इस जंग से फिलिस्तीन की आम जनता भी बुरी तरह त्रस्त हो चुकी है। वह अब चैन चाहती है। ऐसे वह सड़कों पर उतर रही है। बुधवार को उत्तरी गाजा में बुरी तरह नष्ट हो चुके एक कस्बे में हजारों फिलिस्तीनियों ने जुलूस निकाला। यह युद्ध-विरोधी प्रदर्शनों का दूसरा दिन था। कई लोग हमास के खिलाफ नारे लगा रहे थे। यह इस चरमपंथी संगठन के खिलाफ आम लोगों का गुस्सा दिखाता है। सवाल यह है कि आखिर फिलिस्तीन में आम लोग अब हमास के खिलाफ क्यों सड़कों पर उतर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि आम इंसान जंग से आजीज आ चुके हैं। कुछ ये भी कह रहे हैं कि यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उस चेतावनी का भी असर हो सकता है जिसमें उन्होंने हमास-इजरायल जंग को खत्म करने के लिए फिलिस्तीनियों को कहीं और बसाने की बात कही थी। खैर इसका कारण जो भी, लेकिन आम फिलिस्तीनियों का सड़क पर उतरना गाजा और पूरे मध्य पूर्व में शांति की आहट का संकेत देता है। बुधवार को ज्यादातर प्रदर्शन गाजा के उत्तरी हिस्से में हुए। लोग 17 महीने से चल रही इजराइल के साथ जंग को खत्म करने की मांग कर रहे थे, जिसने गाजा में जिंदगी को बहुत मुश्किल बना दिया है। लेकिन प्रदर्शनकारियों ने हमास की भी खुलकर आलोचना की, जिसका अब भी गाजा पर कब्जा है। बेत लाहिया कस्बे में करीब 3,000 लोग जमा हुए। वहां मंगलवार को भी ऐसा ही प्रदर्शन हुआ था। जनता हमास का पतन चाहती है… जैसे नारे लगाए गए।
गाजा शहर के शिजैया इलाके में भी दर्जनों लोगों ने “बाहर, बाहर, हमास बाहर जाओ” के नारे लगाए। रिपोर्ट के मुताबिक अबेद रदवान नाम के एक शख्स ने कहा, हमारे बच्चे मारे गए, हमारे घर तबाह हो गए। उन्होंने बेत लाहिया के प्रदर्शन में हिस्सा लिया था और कहा कि यह युद्ध, हमास, फिलिस्तीनी गुटों, इजराइल और दुनिया की चुप्पी के खिलाफ था। अम्मार हसन, जिन्होंने मंगलवार को प्रदर्शन में हिस्सा लिया, ने बताया कि यह शुरू में युद्ध के खिलाफ छोटा प्रदर्शन था, लेकिन बाद में 2,000 से ज्यादा लोग जुट गए और हमास के खिलाफ नारे लगाने लगे। बेत लाहिया के परिवारों के बुजुर्गों ने इजराइल के नए हमले और गाजा में सभी आपूर्तियों पर सख्त रोक के खिलाफ प्रदर्शनों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि समुदाय इजराइल के खिलाफ सशस्त्र प्रतिरोध का पूरा समर्थन करता है। बेत हनून के मोहम्मद अबू साकर ने कहा, “यह प्रदर्शन राजनीति के बारे में नहीं था, यह लोगों की जिंदगी के बारे में था। जबालिया में भी मंगलवार को ऐसा ही प्रदर्शन हुआ। एक प्रदर्शनकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि वे इसलिए शामिल हुए क्योंकि “सबने हमें नाकाम किया।” उन्होंने इजराइल, हमास, पश्चिमी समर्थित फिलिस्तीनी प्राधिकरण और अरब मध्यस्थों के खिलाफ नारे लगाए। वहां हमास की सुरक्षा बल नहीं दिखे, लेकिन समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़पें हुईं। बाद में उन्हें प्रदर्शन में शामिल होने का पछतावा हुआ, क्योंकि इजराइली मीडिया ने हमास विरोध पर जोर दिया। इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने फिलिस्तीनियों से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील की
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