भिण्ड में अवैध रेत माफियाओं के हौसले बुलंद, पुलिस-माफिया गठजोड़ से करोड़ों का राजस्व नुकसान, एसडीएम के वाहन पर ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास: Dr. Govind Singh
भिण्ड/ पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह नें मुख्यमंत्री को भेजे गए एक गंभीर शिकायती पत्र में भिण्ड जिले में पुलिस और खनिज माफियाओं के गठजोड़ के तहत चल रहे अवैध रेत कारोबार का आरोप लगाया है। पत्र में इस कारोबार को तत्काल न रोके जाने पर मुरैना के बामौर जैसी घटना (जहाँ 10 वर्ष पूर्व एक आईपीएस अधिकारी की हत्या हुई थी) की पुनरावृत्ति की आशंका जताई गई है।
लहार एसडीएम के वाहन पर जानलेवा हमला
पत्र में एक हालिया घटना का विस्तृत उल्लेख किया गया है: भिण्ड जिले का मिहोना बायपास मार्ग पर लहार के एसडीएम विजय सिंह यादव ने सुबह 11 बजे दो ओवरलोड और बिना रॉयल्टी के जा रहे रेत से भरे ट्रैक्टरों को रोकने का प्रयास किया। एक ट्रैक्टर चालक ने एसडीएम के सरकारी वाहन पर सीधे ट्रैक्टर चढ़ाने का प्रयास किया, जिससे एसडीएम बाल-बाल बचे, लेकिन उनका सरकारी वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। इस घटना से जिले में रेत माफिया के बढ़ते दुस्साहस का प्रमाण मिलता है।
करोड़ों का राजस्व नुकसान और पुलिस संरक्षण
शिकायत में कहा गया है कि भिण्ड जिले में प्रतिदिन सैकड़ों ट्रैक्टर और बीस चक्का ट्रक पुलिस के संरक्षण में अवैध रूप से रेत का उत्खनन और परिवहन कर रहे हैं, जिससे राज्य शासन को करोड़ों रुपये की राजस्व हानि हो रही है।
पत्र में मछण्ड पुलिस चौकी प्रभारी पर रेत माफियाओं से मिलकर भारी मात्रा में अवैध रेत को उत्तर प्रदेश (जालौन, औरैया, इटावा) के जिलों में विक्रय कराने का सीधा आरोप लगाया गया है।
शिकायतों पर अनदेखी: स्थानीय आम लोगों और किसानों द्वारा पुलिस अधीक्षक, भिण्ड से कई बार शिकायत किए जाने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं हुई।
किसानों को प्रताड़ित करना: किसानों ने जब अपने खेतों के रास्ते पर खाई खोदकर और सीसीटीवी कैमरे लगाकर रेत परिवहन रोकने की कोशिश की, तो चौकी प्रभारी ने रेत माफियाओं के साथ मिलकर जेसीबी से खाई बंद करा दी और रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरे तुड़वा दिए। डॉ गोविन्द सिंह नें पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री डॉ० मोहन यादव जी से तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया गया है। साथ ही यह आग्रह भी किया है कि किसी वरिष्ठ अधिकारी से उच्च-स्तरीय जांच कराई जाए ताकि पुलिस, खनिज विभाग और रेत माफिया के गठजोड़ को तत्काल ध्वस्त किया जा सके और अवैध उत्खनन पर रोक लगाई जा सके। चेतावनी दी गई है कि यदि शीघ्र कार्यवाही नहीं हुई, तो रेत और पत्थर के कारोबारी फिर किसी की जान के दुश्मन बन सकते हैं।
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