भारत ने China से खिलौनों का आयात 80 फीसदी कम किया
निर्यात 15 करोड़ डॉलर के पार
नई दिल्ली। केवल चार वर्षों में ही भारत ने चीन से खिलौनों के आयात में 80 फीसदी की कटौती कर ली है जो एक ऐसा देश है जो लंबे समय से वैश्विक बाजार पर हावी रहा है। हाई टैरिफ और सख्त गुणवत्ता जांच के मिश्रण ने इसमें मदद की। केंद्र सरकार के वोकल फॉर लोकल कैंपेन का असर भारतीय खिलौना बाजार पर साफ दिखने लगा है। इस अभियान के चलते भारत की खिलौने के आयात में चीन पर निर्भरता में भारी कमी आई है। वित्त वर्ष 2020 में भारत ने 23.5 करोड़ डॉलर के चीनी खिलौने आयात किए थे जो अब घटकर वित्त वर्ष 2024 में 4.1 करोड़ डॉलर तक रह गए हैं। यह दिखाता है कि भारत अब खिलौनों के आयातक देश से निर्यातक देश बन चुका है। भारत में बने खिलौनों की मांग दुनियाभर में बढ़ रही है। चीन-प्लस-वन पॉलिसी के तहत बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनियां अब भारत से खिलौने खरीद रही हैं। कंपनियों जैसे हैसम्रो, मैटल, स्पिन मास्टर, और अलर्जी लर्निंग सेंटर जैसे ग्लोबल ब्रांड्स ने भारत से खिलौने खरीदने की शुरुआत की है। साथ ही कंपनियां जैसे ड्रीम प्लास्ट, माइक्रोप्लास्ट और इंकास ने भी चीन से अपना फोकस भारत की ओर शिफ्ट कर लिया है। भारत में अब खिलौनों के लिए कच्चे माल का आयात 33 फीसदी से घटकर केवल 12 फीसदी रह गया है। पिछले 5-7 सालों से भारत का खिलौना निर्यात चीन से भी ज्यादा तेजी से बढ़ा है।
Comment / Reply From
You May Also Like
Popular Posts
Newsletter
Subscribe to our mailing list to get the new updates!