
Gadkari के आसपास कस रहा है सीबीआई और ईड़ी का शिकंजा?
रिश्वत मामले में एनएचएआई अधिकारियों की गिरफ्तारी से बढी सरगर्मी
केग की रिपोर्ट ने बढ़ाई गडकरी की मुसीबतें
नागपुर। सीबीआई के अधिकारियों की एक टीम नागपुर आई, उसने रिश्वत के आरोप में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के जीएम और प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद काले तथा बृजेश कुमार साहू उप महाप्रबंधक को गिरफ्तार किया है। सीबीआई के अधिकारियों ने बंसल समूह के निदेशक अनिल बंसल और कुणाल सहित इस मामले में 6 लोगों को गिरफ्तार कर, रिश्वत के मामले में पूछताछ की जा रही है।यह रिश्वत पूर्णता प्रमाण पत्र और भुगतान के लिए अधिकारियों बंसल कंपनी से ली जा रही थी। सीबीआई ने मध्य प्रदेश के हरदा, भोपाल तथा नागपुर के ठिकानों में छापेमारी कर यह कार्रवाई की है।
सीबीआई के इस छापे को राजनीतिक षड्यंत्र के रूप में भी देखा जा रहा है। बंसल समूह भाजपा नेताओं के करीब माना जाता है। हबीबगंज स्टेशन का प्रोजेक्ट, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के कई प्रोजेक्ट, तथा मध्य प्रदेश सरकार के कई प्रोजेक्ट बंसल समूह के पास हैं।बंसल समूह के निदेशक अनिल बंसल और उनके पुत्र को रिश्वत मामले में गिरफ्तार किया जाना, एक बहुत बड़े राजनीतिक साजिश का हिस्सा माना जा रहा है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच में पिछले कई महीनो से बोलचाल नहीं है। भाजपा की जो पहली सूची लोकसभा उम्मीदवारों की जारी हुई है। उसमें नितिन गडकरी का नाम नहीं है। नितिन गडकरी का नाम समय-समय पर प्रधानमंत्री पद के लिए भी उछलता रहा है। केग की रिपोर्ट में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की सड़कों के निर्माण में भारी आर्थिक अनिमियता का आरोप था। नितिन गडकरी पिछले कई महीनो से मुखर होकर जो बयान सार्वजनिक रूप से दे रहे थे। उससे उनके विद्रोही तेवर देखने को मिल रहे थे। हाल ही में उनका एक विवादास्पद इंटरव्यू सामने आया। उस इंटरव्यू को केंद्र सरकार, विशेष रूप से प्रधानमंत्री के लिए चुनौती के रूप में देखा जा रहा था। नितिन गडकरी की कार्य प्रणाली से प्रधानमंत्री और नितिन गडकरी के बीच दूरियां बढ़ती ही जा रही थी।
भाजपा नितिन गडकरी को लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाना चाहती थी। पहली सूची में उनका नाम नहीं आया। इससे नितिन गडकरी और उनके समर्थक नाराज थे। यह भी कहा जा रहा है, महा विकास आघाडी के साथ नितिन गडकरी की गुप्त बातचीत चल रही थी। इसकी भनक केंद्रीय नेतृत्व को लग गई है। नितिन गडकरी के आक्रामक तेवर को देखते हुए उन्हें घेरने की तैयारी की गई है। नागपुर और दिल्ली में इसकी चर्चाएं हो रही हैं। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं। उसके साथ ही राजनीतिक सरगर्मी बढ़ती चली जा रही है। यह पूरा मामला नागपुर से जुड़ा हुआ है। परिवहन मंत्री नागपुर से हैं। सीबीआई के अधिकारी दिल्ली से आए थे। नागपुर से राष्ट्रीय राजमार्ग परिवहन के अधिकारियों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है।बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी के भाजपा नेताओं के साथ बहुत गहरे संबंध हैं।सीबीआई ने ऐसे समय पर कार्रवाई की है। जिसके कारण आशंका व्यक्त की जाने लगी है। कहा तो यहां तक जा रहा है,कि जल्द ही इस मामले में ईडी भी शामिल हो जाएगी। गडकरी पर अंकुश लगाने और उन्हें बगावत से रोकने के लिए यह दबाव बनाया जा रहा है।
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