Britain के फिलिस्तीन को मान्यता देने से चिढ़ा इजराइल
पीएम नेतन्याहू बोले- कुछ देश हमास को बचा रहे
तेल अवीव। इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू हमास को खत्म करना चाहते हैं। इसके लिए वह कई हथकंडे अपना रहे हैं लेकिन उनकी राह आसान नहीं है। अमेरिका भले ही इजराइल की पीठ थपथपा रहा है, यूरोप के देशों को गाजा की स्थिति हजम नहीं रही है। यही वजह है कि अब कई देश फिलिस्तीन को मान्यता दे रहे हैं। हाल में जब ब्रिटेन ने मान्यता दे दी तो नेतन्याहू नाराज हो गए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नेतन्याहू ने कहा कि इजराइल हमास को खत्म करना चाहता है, लेकिन दुनिया के कुछ देश हमास को बचा रहे हैं और चाहते हैं इजराइल गाजा छोड़ दे। नेतन्याहू ने कहा कि यह अंतर सिर्फ अच्छे शब्दों से खत्म नहीं किया जा सकता। ब्रिटेन के फिलिस्तीन को मान्यता देने का फैसला डोनाल्ड ट्रंप के ब्रिटेन दौरे के तुरंत बाद आया है। फैसले पर इजराइल के नेताओं ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। खुद नेतन्याहू इसे ‘आतंकवाद और हमास को दिया गया इनाम’ कहा है। वित्त मंत्री बेजलेल स्मोट्रिच और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन-गवीर ने कहा कि इसका जवाब वेस्ट बैंक के पूर्ण विलय से दिया जाना चाहिए। स्मोट्रिच ने एक्स पर लिखा- ‘वो दिन गए जब ब्रिटेन और अन्य देश हमारा भविष्य तय करते थे। इसका एकमात्र जवाब है।
यहूदी लोगों की ऐतिहासिक भूमि यहूदा और सामरिया पर संप्रभुता लागू करना और फिलिस्तीनी राज्य की अवधारणा को हमेशा के लिए खत्म करना। बता दें अब भी 48 इजराइली हमास की कैद में हैं। इन बंधकों के परिवारों का प्रतिनिधित्व करने वाले समूहों ने भी ब्रिटेन और अन्य देशों की आलोचना की। वहीं इजराइल की विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ने इसे नेतन्याहू और उनके सहयोगियों की गंभीर राजनीतिक असफलता बताया। गोलान ने कहा कि यह नेतन्याहू की लापरवाह नीतियों का नतीजा है। युद्ध खत्म करने से इनकार और विलय की खतरनाक राह चुनना। उनके मुताबिक बिना हथियार फिलिस्तीनी राज्य क्षेत्रीय व्यवस्था का हिस्सा हो सकता है, लेकिन यह व्यवस्था इजराइल की सुरक्षा गारंटी के साथ होनी चाहिए। बता दें हाल ही में ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी फिलिस्तीन को मान्यता दे दी है। इसके अलावा पुर्तगाल ने भी फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी। सितंबर 2025 तक, फिलिस्तीन राज्य को संयुक्त राष्ट्र के 193 सदस्य देशों में से 151 देशों ने संप्रभु राज्य के रूप में मान्यता दी है। इन देशों में भारत भी शामिल है, जिसने 1988 में ही फिलिस्तीन को देश के रूप में मान्यता दे दी थी।
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